कोरोना वायरस के संकट काल में अब सबकुछ वर्चुअल हो गया है. दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) देशों के विदेश मंत्रियों के बीच गुरुवार को मीटिंग हुई. इस मीटिंग में भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया. इस बैठक में पाकिस्तान (Pakistan) ने इस बार बैकग्राउंड में किसी तरह का नक्शा नहीं लगाया है, जबकि पिछली मीटिंग में भारत ने कड़ा विरोध जताते हुए मीटिंग छोड़ दी थी.
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दरअसल, गुरुवार को सार्क देशों के विदेश मंत्री मिले. सार्क की बैठक में जहां भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर तो वहीं, पाकिस्तान की ओर से भी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हिस्सा लिया. इस दौरान पाकिस्तान ने बैकग्राउंड में कोई नक्शा नहीं लगाया था. सार्क में इंडिया ने पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे क्रॉस बॉर्डर आतंकवाद के मसले को उठाया.
सार्क की बैठक में भारत की ओर से विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि सार्क विदेश मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक को आज संबोधित किया. उन्होंने कहा, 'पड़ोसी की पहली नीति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता सभी पड़ोसी देशों से जुड़ाव, सुरक्षित, एकीकृत और समृद्ध दक्षिण एशिया के निर्माण की दिशा में काम करने की है.'
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विदेश मंत्री ने मालदीव के लिए सार्क पड़ोसियों द्वारा विस्तारित 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर विदेशी मुद्रा विनिमय सहायता के लिए भारत के सपोर्ट पर जोर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने भूटान को 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मुद्रा विनिमय सहायता की. इस साल के दौरान श्रीलंका में 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता की भी चर्चा की.
Source : News Nation Bureau