प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को केरल के त्रिशूर में एक बार फिर केरल की सीपीआई(एम) के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सबरीमाला मंदिर के मुद्दे पर भारत के लोगों ने देखा कि कैसे वामपंथी सरकार केरल की संस्कृति का अनादर करने की कोशिश कर रही है. केरल में युवा मोर्चा की रैली में पीएम मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केरल की सांस्कृतिक परंपरा पर हमला हुआ है और यह उस पार्टी द्वारा किया गया है जो सत्ता में है. उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां उन्हें जितनी भी गालियां दे लेकिन उन्हें किसानों को गुमराह नहीं करना चाहिए.
इससे पहले भी 15 जनवरी को कोल्लम में पीएम मोदी ने सबरीमाला मुद्दे पर कहा था कि हमारी पार्टी का रुख हमेशा से साफ रहा है और हमारी पार्टी का काम हमारे शब्दों से मिलता है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी केरल के सबरीमाला मंदिर में 10-50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश का भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और अन्य हिंदू संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं. वहीं केरल सरकार सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश दिलाने को लेकर कोर्ट के फैसले को मानने पर प्रतिबद्ध है.
उन्होंने त्रिशूर में सबरीमाला मुद्दे पर कहा, 'सरकार (राज्य) क्यों राज्य की संस्कृति को नष्ट कर रही है, केरल की सांस्कृतिक चरित्र खतरे में है. यह उस पार्टी के द्वारा किया जा रहा है जो राज्य में शासन कर रही है.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और लेफ्ट का लोकतंत्र के बारे में बात करना सबसे बड़ा मजाक है. उन्होंने कहा, 'न तो कांग्रेस और न ही कम्युनिस्टों को महिला सशक्तिकरण की कोई चिंता है. अगर उन्हें होती तो वे तीन तलाक खत्म करने पर एनडीए के प्रायसों का विरोध नहीं करते. भारत में कई महिलाएं मुख्यमंत्री बनी हैं लेकिन क्या इसमें से कोई एक भी कम्युनिस्ट नेता रही है?'
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इसके अलावा उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार ने देश के सभी किचन को धुआं से मुक्त करने का प्रयास किया. जब हम सरकार में आए थे तो उस वक्त सिर्फ 55 फीसदी घरों में गैस कनेक्शन था. लेकिन आज 90 फीसदी घरों में यह सुविधा है. करीब 6 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन मिला है. भारत की ऊर्जा आवश्यकता बढ़ रही है, इसलिए हमने तेल और गैस संरचना के विकास की गति को बढ़ा दिया है.'
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15 जनवरी को कोल्लम की रैली में लेफ्ट फ्रंट सरकार पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा था, 'सबरीमाला मुद्दे पर केरल की एलडीएफ सरकार की कार्रवाई इतिहास में निम्न स्तर पर जाएगा, किसी पार्टी या सरकार द्वारा यह सबसे शर्मनाक व्यवहारों में से एक है. हम जानते हैं कि वामपंथी भारतीय इतिहास, संस्कृति और अध्यात्म का सम्मान नहीं करती है लेकिन यह किसी को पता नहीं था कि उनके पास इतनी घृणा है.'
Source : News Nation Bureau