केरल के मुख्यमंत्री पिनरयी विजयन की तरफ से सबरीमाला तीर्थयात्रा पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक किसी भी नतीजे पर पहुंच पाने में नाकाम रही. जहां मंदिर के द्वार खुलने में 24 घंटे से भी कम का वक्त बचा है वहीं आज भी मंदिर में महिलाओं का प्रवेश एक बड़ा सवाल बना हुआ है जिस पर केरल में संग्राम छिड़ा है. मंदिर में हर उम्र की महिलाओं की एंट्री को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से कांग्रेस और बीजेपी ने वॉकआउट करते हुए विजयन सरकार से कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसले को लागू करने के लिए और वक्त मांगे. इसके साथ ही दोनों दलों ने बैठक से वॉकआउट कर दिया.
गौरतलब है कि जहां केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराने पर अडिग है, वहीं कांग्रेस और बीजेपी इस मसले पर मंदिर की परंपरा के पालन का तर्क दे रही है.
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री पी. विजयन ने मंदिर में महिलाओं का प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए कुछ नियम बना सकते हैं जिनमें से एक विकल्प यह भी है कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के लिए दिन ही तय कर दिए जाये.
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को दिए अपने फैसले में कहा था कि सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश मिलना चाहिए. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दायर 48 पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए 22 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है.
सुप्रीम कोर्ट की ओर से रिव्यू पिटिशंस पर सुनवाई के लिए सहमति जताने पर केरल कांग्रेस के चीफ रमेश चेन्निथला ने कहा कि शीर्ष अदालत भी भक्तों की भावनाओं को समझती है.
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सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
सबरीमाला मंदिर में दो महीने का पर्व 16 नवंबर (शुक्रवार से शुरू हो रहा है जिससे पहले प्रशासन की तरफ से मंदिर को पूरी तरह किले में तब्दील करने की तैयारी है. सूबे की आधी पुलिस (करीब 21 हजार पुलिसकर्मी) सुरक्षा व्यवस्था में तैनात होगी. दो महीने के बीच चार चरणों में इनकी तैनाती होगी. जानकारी के मुताबिक पहली बार सबरीमाला मंदिर में सुरक्षा के इतने कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं.
सूबे में किसी भी स्तर पर कानून-व्यवस्था से निपटने के लिए 2 महीने के भीतर चार चरणों में 21 हजार पुलिसकर्मी मुस्तैद होंगे. 16 नवम्बर को पहले चरण के तहत करीब 5200 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे. 30 नवंबर को दूसरे चरण की शुरुआत होगी. पुलिस के मुताबिक 16 जनवरी (पर्व समाप्ति की तारीख) तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहेंगे.
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मंदिर परिसर और इसके आसपास के इलाके को 6 सुरक्षा जोन में बांटते हुए आईजी और डीआईजी रैंक के अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. हर चरण के तहत इन अधिकारियों को भी बदला जाएगा. इसके साथ-साथ महिला पुलिसकर्मियों की भी बड़ी संख्या में तैनाती होगी.
Source : News Nation Bureau