करीब सात महीने बाद देश में होने वाले आम चुनाव के लिए एक बार फिर तैयारियां शुरु हो गई हैं. और एक बार फिर अयोध्या पर सबकी निगाहे हैं. लेकिन इस बार 27 अक्टूबर को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने चुनाव से काफी पहले ही मुद्दे को हवा दे दी है. अयोध्या में मंदिर बनेगा या मस्जिद ये तो तय नहीं लेकिन मौजूदा राजनीति इसी सवाल के इर्द-गिर्द ही घूमने लगी है.
2014 में बीजेपी ने विकास के नारे पर चुनावी जीत हासिल की थी. लेकिन अब भी कांग्रेस अयोध्या के मुद्दे पर बिना नाम लिये बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है. ये और बात है कि कांग्रेस भी 2019 की वैतरिणी पार करने के लिए राम नाम के ही आसरे हो चुकी है.
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दरअसल देश भर में खासतौर पर यूपी में सभी दलों ने अपनी राजनीतिक सहूलियत के हिसाब से राम के नाम और अयोध्या मुद्दे का इस्तेमाल किया है. लेकिन इस बार किसी राजनीतिक दल की वजह से कम, अदालती कार्रवाई सें ये मुद्दा सबसे आगे हो गया है. तो क्या राम का नाम ही 2019 लोकसभा चुनावों में भी देश की राजनीति की धुरी साबित होगा?
Source : News Nation Bureau