राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट इन दिनों कृषि कानूनों को लेकर कई रैलियां कर रहे हैं. सचिन ना सिर्फ रैलियों के जरिए किसानों से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं, बल्कि हाई कमान को यह भी बताने की कोशिश कर रहे हैं कि लोगों का समर्थन उनके साथ है. मंगलवार को भरतपुर में उन्होंने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बहुमत के आधार पर मनमानी नहीं की जा सकती है. एक तरफ उनका इशारा मोदी सरकार की तरफ था लेकिन इसके बहाने उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत को भी इशारों-इशारों में जता दिया कि वह रैली के माध्यम से लोगों का समर्थन जुटाने लगे हैं.
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वफादार विधायकों के क्षेत्र में कर रहे रैलियां
सचिन पायलन ने पांच फरवरी को दौसा में रैली की थी. इसके बाद 9 फरवरी को भगतपुर में उन्होंने किसान महापंचायत में हिस्सा लिया. 17 फरवरी को वह जयपुर के चाकसू में एक रैली को संबोधित करेंगे. इस सभी रैलियों में वह किसानों से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं. सचिन पायलट यह बात समझते हैं कि अगर लोगों को उन्हें समर्थन लेना है तो किसानों को साथ लेना ही होगा. यहां दिलचस्प बात यह है कि अभी तक सचिन पायलट ने जो दो रैलियां की हैं और जयपुर की प्रस्तावित रैली उन्हीं इलाकों में जहां उनके वफादार विधायक हैं. दौसा के विधायक मुरारी लाल, बयाना के विधायक अमर सिंह और चाकसू के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी को पायलट गुट का माना जाता है. इन्हीं इलाकों में उनकी रैलियां हुई हैं. ये सभी बीते विधायक बीते साल जुलाई 2020 में विद्रोह के वक्त पायलट के साथ थे.
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वहीं अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार पायलट ने कहा कि 'राहुल गांधी पहले ही दिन से संसद के भीतर और संसद के बाहर किसानों के मुद्दे उठा रहे हैं. एआईसीसी, पीसीसी, हम सभी पिछले दो महीनों से इस मांग को उठा रहे हैं और अब राहुल राजस्थान आ रहे हैं. सचिन पायलट का कहना है कि राहुल गांधी के आने की किसानों की मांग को बढ़ाने और समर्थन में मदद मिलेगी. सचिन पायलट ने कहा कि वह किसानों के जुड़े मुद्दों को उठाने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, वह कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau