राजस्थान (Rajasthan) में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) से ऐन पहले एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच अनबन सतह पर आ गई है. रविवार को सचिन पायलट (Scahin Pilot) ने अपनी ही सरकार के खिलाफ 11 अप्रैल को एक दिन की भूख हड़ताल (Fast) की घोषणा की. पायलट ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पिछली वसुंधरा राजे (Vasundhra Raje) सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई करने की अपील की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. उन्होंने कहा, 'हमने एक साथ वसुंधराजी की सरकार पर आरोप लगाए थे. मैंने भी पार्टी की राज्य इकाई के तत्कालीन अध्यक्ष के रूप में कुछ आरोप लगाए. हालांकि मैं बदले की राजनीति में विश्वास नहीं करता, लेकिन विपक्ष (Opposition) के रूप में हमारी कुछ विश्वसनीयता थी और इसलिए हम सत्ता में आए.'
केंद्र जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहा, हमारी सरकार सही उपयोग भी नहीं कर रही
सचिन पायलट ने कहा, 'मैंने लगभग डेढ़ साल पहले गहलोतजी को पत्र लिखा था कि यह उन आरोपों की जांच का समय है, जो हमने विपक्ष में रहते हुए भाजपा सरकार पर लगाए. कांग्रेस को आम लोगों को दिखाना चाहिए कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है.' पायलट ने आगे कहा, 'मैंने पहला पत्र 28 मार्च 2022 को लिखा था. कोई जवाब नहीं मिला. फिर मैंने 2 नवंबर 2022 को एक और पत्र लिखा. मैंने लिखा कि जनता ने हम पर विश्वास किया और हमें 21 सीटों से 100 सीटों पर पहुंचा दिया.' उन्होंने कहा कि राज्य में आसन्न विधानसभा चुनाव से पहले भ्रष्टाचार के उन आरोपों पर कुछ कार्रवाई होनी चाहिए. पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार कांग्रेस नेतृत्व को निशाना बनाने के लिए ईडी, सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है, वहीं राजस्थान सरकार अपनी एजेंसियों का सही उपयोग भी नहीं कर रही है. पायलट ने कहा, 'जनता और कांग्रेस नेताओं को यह नहीं सोचना चाहिए कि हमारी कथनी और करनी में अंतर है.'
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रह-रह कर सामने आ रही कांग्रेस की गुटबाजी
अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच टकराव कोई नया नहीं है. दोनों के बीच अहं और मबत्वाकांक्षाओं की लड़ाई में पहले भी कांग्रेस आलाकमान को परेशानी में डाला है. मामला सुलटाने के लिए कांग्रेस आलाकमान को अथक प्रयास करने पड़े, तब कहीं जाकर दोनों नेता अरोक्ष रूप से साथ-साथ आए. कांग्रेस आलाकमान ने सुलह-सफाई के जरिये यह संदेश देने की कोशिश की कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ही पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हैं. हालांकि यह भी पहली बार नहीं है जब पायलट ने पिछली भाजपा सरकार के कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए अपनी सरकार की निष्क्रियता का मुद्दा उठाया. इस साल जनवरी में भी उन्होंने इस मुद्दे को उठाया जब उन्होंने पेपर लीक की बार-बार होने वाली घटनाओं पर सरकार से सवाल किया था.
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After listening to Pilot
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) April 9, 2023
Ek khyaal aaya
Rahul ji,
First Gehlot & Pilot jodo
Then DK & Siddharamiah jodo
Then Maken & Sandeep Dikshit jodo
Sidhu & Raja Warring Jodo
Phir NCP ko phir se jodo
Bharat is already united but Congress is Tukde Tukde - Tooti Footi
Congress se…
भाजपा ने कसा तंज... कांग्रेस टूटी फूटी
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावॉल्स ने राजस्थान में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के इस हालिया टकराव पर गहरा तंज कसा है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि गहलोत और पायलट वास्तव में उस लंबी सूची का एक हिस्सा भर हैं, जिसमें डीके और सिद्धारमैया (कर्नाटक), अजय माकन और संदीप दीक्षित (दिल्ली), नवजोत सिद्धू और राजा (पंजाब) में कांग्रेस की धड़ेबाजी का केंद्र रहे. शहजाद ने कहा, 'भारत पहले से ही एकजुट है, लेकिन कांग्रेस टुकड़े-टुकड़े-टूटी फूटी है. कांग्रेस से जनता जोड़ो. कांग्रेस को कांग्रेस से जोड़ो. बाकी सब छोड़ो.'
HIGHLIGHTS
- वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ जांच पर गहलोत सरकार निष्क्रिय
- पायलट ने कहा लोगों को नहीं लगना चाहिए कथनी-करनी में अंतर
- राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले नई रार कांग्रेस के लिए भारी