शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल से पूछताछ के कुछ दिनों बाद, 2015 के कोटकपूरा पुलिस गोलीबारी मामले की जांच कर रही प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बुधवार को पार्टी के संरक्षक 94 वर्षीय प्रकाश सिंह बादल से उनके आवास पर तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) एल.के. यादव ने इससे पहले पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी से पूछताछ की थी. 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं और उसके बाद राज्य में हिंसा की घटनाओं के बाद सैनी को शीर्ष पुलिस पद से हटा दिया गया था, पुलिस बल पर ज्यादती का आरोप लगाया गया था जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी.
एसआईटी ने 14 सितंबर को सुखबीर बादल से पूछताछ की, उन्होंने पूछताछ के बाद मीडिया को बताया कि पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार कोटकपूरा और बहबल कलां मामलों को पूरी तरह से अपने घोटालों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए उठा रही है. उन्होंने कहा था कि सभी पुलिस कार्रवाई एक निर्धारित प्रक्रिया का हिस्सा थी. निर्णय प्रशासन द्वारा लिया जाता है. मुझसे बार-बार गोलीबारी की घटना के बारे में सवाल पूछे जा रहे हैं, हालांकि यह स्पष्ट है कि यह कार्रवाई अधिकृत अधिकारी द्वारा की गई थी.
14 सितंबर को दूसरी बार करीब पांच घंटे तक सुखबीर बादल से पूछताछ के बाद उन्होंने एसआईटी को निष्पक्ष बताते हुए कहा था, मैं 100 बार पूछताछ का सामना करने के लिए तैयार हूं, लेकिन इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.
यह कहते हुए कि आप सरकार भी पिछली कांग्रेस सरकार के नक्शेकदम पर चल रही है, सुखबीर बादल ने कहा, मुझे इस सरकार के घोटालों से ध्यान हटाने के लिए बार-बार तलब किया जा रहा है, नवीनतम मंत्री फौजा सिंह सारारी का जबरन वसूली घोटाला है.
Source : IANS