राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में पक्षकार दो मुस्लिम नेताओं ने शनिवार को जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को न मानते हुए त्रिशूल लिए एक साधु को विवादित धार्मिक स्थल पर प्रवेश की इजाजत दे दी है।
मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन का कहना है कि साधु के पास त्रिशूल की प्रतिकृति थी और इस तरह के धार्मिक चिन्ह लेकर जाने की अनुमति कोर्ट से मिली हुई है।
दोनों पक्षकारों ने आरोप लगाया कि पूर्व बीजेपी सांसद और वरिष्ठ विहिप नेता रामविलास वेदांती और त्रिशूल लिए हुए एक साधु अभय चैतन्य को शनिवार दोपहर को विवादित धार्मिक स्थान पर जाने दिया गया।
इससे पहले बाबरी मस्जिद को गिराने पर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती का बयान सामने आया था। राम जन्म भूमि न्यास के सदस्य वेदांती ने दावा किया है कि कारसेवकों ने उनके रहने पर बाबरी मस्जिद के ढांचे को गिराया था।
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उन्होंने कहा कि इसमें बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती की कोई भूमिका नहीं है।
वेदांती ने दावा किया था, 'मेरे कहने पर कारसेवकों ने बाबरी ढांचे को तोड़ा। आडवाणी और जोशी तो कारसेवकों को ढांचा तोड़ने से रोक रहे थे। सीबीआई के अधिकारियों ने इन नेताओं के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कराई।'
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HIGHLIGHTS
- मुस्लिम नेताओं का आरोप त्रिशूल के साथ विवादित स्थल पर पहुंचे दो साधू
- विहिप नेता रामविलास वेदांती और अभय चैतन्य पहुंचे अयोध्या
Source : News Nation Bureau