Advertisment

उत्तर प्रदेश: अयोध्या विवादित परिसर में साधु के ‘त्रिशूल’ लेकर जाने पर उठे सवाल

जिला प्रशासन का कहना है कि साधु के पास त्रिशूल की प्रतिकृति थी और इस तरह के धार्मिक चिन्ह लेकर जाने की अनुमति कोर्ट से मिली हुई है।

author-image
abhiranjan kumar
एडिट
New Update
उत्तर प्रदेश: अयोध्या विवादित परिसर में साधु के ‘त्रिशूल’ लेकर जाने पर उठे सवाल

उत्तर प्रदेश: अयोध्या विवादित परिसर में साधु के ‘त्रिशूल’ लेकर जाने पर उठे सवाल

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में पक्षकार दो मुस्लिम नेताओं ने शनिवार को जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को न मानते हुए त्रिशूल लिए एक साधु को विवादित धार्मिक स्थल पर प्रवेश की इजाजत दे दी है।

Advertisment

मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन का कहना है कि साधु के पास त्रिशूल की प्रतिकृति थी और इस तरह के धार्मिक चिन्ह लेकर जाने की अनुमति कोर्ट से मिली हुई है।

दोनों पक्षकारों ने आरोप लगाया कि पूर्व बीजेपी सांसद और वरिष्ठ विहिप नेता रामविलास वेदांती और त्रिशूल लिए हुए एक साधु अभय चैतन्य को शनिवार दोपहर को विवादित धार्मिक स्थान पर जाने दिया गया।

इससे पहले बाबरी मस्जिद को गिराने पर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती का बयान सामने आया था। राम जन्म भूमि न्यास के सदस्य वेदांती ने दावा किया है कि कारसेवकों ने उनके रहने पर बाबरी मस्जिद के ढांचे को गिराया था।

Advertisment

इसे भी पढ़ेंः बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर वेदांती का बयान- आडवाणी नहीं मेरे कहने पर कार सेवकों ने गिराया था ढांचा

उन्होंने कहा कि इसमें बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती की कोई भूमिका नहीं है।

वेदांती ने दावा किया था, 'मेरे कहने पर कारसेवकों ने बाबरी ढांचे को तोड़ा। आडवाणी और जोशी तो कारसेवकों को ढांचा तोड़ने से रोक रहे थे। सीबीआई के अधिकारियों ने इन नेताओं के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कराई।'

Advertisment

इसे भी पढ़ेंः ओवैसी बोले- बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना, गांधीजी की हत्या से भी गंभीर

HIGHLIGHTS

  • मुस्लिम नेताओं का आरोप त्रिशूल के साथ विवादित स्थल पर पहुंचे दो साधू 
  • विहिप नेता रामविलास वेदांती और अभय चैतन्य पहुंचे अयोध्या
Advertisment

Source : News Nation Bureau

Uttar Pradesh sadhu Trishul Ayodhya
Advertisment
Advertisment