उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा है कि लखनऊ एनकाउंटर में मारे गये संदिग्ध आतंकी सैफुल्ला के संबंध आईएसआईएस से नहीं है। एडीजी दलजीत चौधरी ने कहा, 'सैफुल्ला और उसके साथी ISIS के संपर्क में नहीं थे, ISIS से प्रभावित थे और अपनी पहचान बनाना चाहते थे।' इससे पहले पुलिस ने ISIS संबंध की आशंका जताई थी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय नाराज
लखनऊ में हुए एनकाउंटर के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से एनकाउंटर को लेकर लगातार मीडिया में दिये जा रहे बयानों से केंद्रीय गृहमंत्रालय नाराज है। साथ ही इस बात के खुलासे से भी नाराज है कि पुलिस ने बिना जांच के ही सैफुल्ला के आईएसआईएस से संबंध की घोषणा की। हालांकि पुलिस ने बाद में इनकार कर दिया था।
गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इस मामले में एफआईआर बुधवार को दर्ज की गई है। पुलिस को जांच पूरी होने तक इंतजार करना चाहिये था उसके बाद इस तरह की घोषणा करते। पहले ही संगठन का नाम घोषित करने से जांच पर असर पड़ सकता है। क्योंकि जो मॉड्यूल है उसके दूसरे सदस्य इस खुलासे से सतर्क हो गये होंगे और सुरक्षित जगह पर छुप गये होंगे।'
11 घंटे के मुठभेड़ में मारा गया सैफुल्ला
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने राजधानी के ठाकुरगंज इलाके में स्थित हॉजी कॉलोनी के एक घर में छिपे कानपुर के मनोहर नगर के निवासी सैफुल्ला को 11 घंटे तक चले अभियान में मुठभेड़ के बाद बुधवार को सुबह 3 बजे मार गिराया। एटीएस के महानिरीक्षक असीम अरुण ने सैफुल्ला के मारे जाने की पुष्टि की।
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एडीजी का बयान
उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सैफुल्ला और पांच अन्य संदिग्ध खुद से आतंकवादी बने थे और उनकी योजना लखनऊ में एक पृथक आतंकवादी संगठन 'इस्लामिक स्टेट खोरासान' गठित करने की थी।
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) दलजीत चौधरी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'सैफुल्ला और उसके पांचों सहयोगियों खुद से आतंकवाद का रास्ता अपनाया था। उन्हें विदेश से आर्थिक मदद नहीं मिल रही थी। उन्होंने अपनी निजी संपत्ति से सारे इंतजाम किए। वे यहां एक आतंकवादी संगठन आईएस खुरासान बनाना चाहते थे और कई जगहों पर आतंकवादी वारदात की साजिश रच रहे थे।'
मध्य प्रदेश ट्रेन धमाका से जुड़े तार
अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश में मंगलवार को एक ट्रेन में हुए बम विस्फोट के बाद उन्हें विभिन्न खुफिया विभागों से लखनऊ, कानपुर और इटावा में संदिग्ध आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। दो संदिग्ध आतंकवादियों मोहम्मद फैसल खान और फखरे आलम को क्रमश: उनके गृहनगर कानपुर और इटावा से गिरफ्तार किया गया।
फैसल का बड़ा भाई मोहम्मद इमरान को भी एक अलग अभियान के दौरान उन्नाव से गिरफ्तार किया गया और एटीएस ने उनसे पूछताछ शुरू कर दी है।
अधिकारी ने बताया, 'एटीएस द्वारा कानपुर से ही गिरफ्तार किए गए दो अन्य संदिग्धों को भीड़ एटीएस के चंगुल से छुड़ाने में सफल रही, लेकिन हमें उनके घरों का पता है और हम जल्द ही उन्हें फिर से हिरासत में ले लेंगे।'
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उन्होंने बताया कि आतिश मुजफ्फर, दानिश अख्तर और सैयद मीर हुसैन को मध्य प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मुजफ्फर को इस गुट का सरगना माना जा रहा है।
सैफुल्ला के पिता ने बताया 'देशद्रोही'
सैफुल्ला के पिता सरताज ने यहां पत्रकारों से कहा कि उनका बेटा काम-धाम न करने को लेकर डांट पड़ने के बाद दो-ढाई महीने पहले घर छोड़कर चला गया था।
सरताज ने पत्रकारों से कहा, 'उसने जो किया वह देशहित में नहीं था। हम इस तरह देश से गद्दारी करने वाले का शव नहीं लेंगे। एक देशद्रोही मेरा बेटा नहीं हो सकता। हम भारतीय हैं, हमारा जन्म भारत में हुआ है, हमारे पूर्वजों का भी जन्म भारत में ही हुआ था। इस देश के खिलाफ काम करने वाला इंसान मेरा बेटा नहीं हो सकता।'
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जब उनसे पूछा गया कि घर छोड़कर जाने के बाद क्या सैफुल्ला ने परिवार वालों से बात की थी, उन्होंने बताया, 'बीते सोमवार को उसकी कॉल आई थी और उसने बताया था कि उसे सऊदी के लिए वीजा मिल गया है। मैंने कहा था जो मर्जी हो करो।'
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सैफुल्ला के बड़े भाई खालिद ने बताया कि सैफुल्ला ने परिवार वालों को बताया था कि वह सऊदी अरब का वीजा हासिल करने मुंबई जा रहा है।
NIA भी सजग
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम बुधवार को घटनास्थल पर पहुंची और सैफुल्ला के कमरे में रखा सामान अपने कब्जे में कर मामले में जांच शुरू कर दी है।
HIGHLIGHTS
- यूपी एडीजी ने कहा, सैफुल्ला और उसका साथी ISIS के संपर्क में नहीं था
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऑपरेशन के दौरान मीडिया से बातचीत पर जताई नाराजगी
- संदिग्ध आतंकी सैफुल्ला के पिता ने शव लेने से किया इनकार, बताया देशद्रोही
Source : News Nation Bureau