लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारतीय थल सेना प्रमुख के रूप में पदभार संभाल लिया है. वे अब जनरल उपेंद्र द्विवेदी बन गए हैं. खास बात है कि भारतीय सैन्य इतिहास में पहली बार दो क्लासमेट भारतीय सेना की दो विंगो के प्रमुख बने हैं. जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने रीवा सैनिक स्कूल में साथ पढ़ाई है. वे वहां कक्षा पांचवी तक साथ पढ़े थे. दोनों जनरल द्विवेदी का रोलनंबर 931 तो एडमिरल त्रिपाठी का रोल नंबर 938 था. दोनों बचपन से ही खास दोस्त हैं और अलग-अलग विंगो में होने के बावजूद दोनों खास दोस्त रहे.
बता दें, एडमिरल त्रिपाठी ने दो माह पहले ही नौसेना की कमान संभाली थी. उन्होंने एक मई को पदभार संभाल था. वरिष्ठ रक्षा अधिकारी का कहना है कि जब सैन्य प्रमुखों के बीच दोस्ती मजबूत होती है तो बलों के बीच कामकाज में बहुत आसानी हो जाती है.
जानें नए थलसेना प्रमुख के बारे में
लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी का जन्म 1 जुलाई 1964 को हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सैनिक स्कूल, रीवा से की. इसके बाद उन्होंने नेशनल डिफेंस कॉलेज और यूएस आर्मी वॉर से ग्रेजुएशन किया. उन्होंने डीएसएससी वेलिंगटन और आर्मी कॉलेज वॉर कॉलेज (एमएचयू) से कोर्स किया है. इसके अतिरिक्त उन्हें कार्लिस्ले, यूएसए में प्रतिष्ठित एनडीसी समकक्ष में विशिष्ट फेलो कोर्स से सम्मानित किया गया है. साथ ही उनके पास रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एम फिल और सामरिक अध्ययन और सैन्य विज्ञान में दो मास्टर की डिग्री हैं.
सेना में 40 साल का लंबा अनुभव
40 सालों का है अनुभव लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक और तीन जीओसी-इन-सी प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है. अगर उनके अनुभव की बात करें तो उनके पास सैन्य गतिविधियों में करीब 40 साल का अनुभव है. उन्हें 15 दिसंबर 1984 को भारतीय सेना की इन्फैंट्री जम्मू और कश्मीर राइफल्स में नियुक्त किया गया था. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न कमांड, स्टाफ और निर्देशात्मक पदों पर कार्य किया है. लेफ्टिनेंट द्विवेदी की कमांड नियुक्तियों में रेजिमेंट 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स, ब्रिगेड 26 सेक्टर असम राइफल्स, आईजी, असम राइफल्स और 9 कोर की कमान भी शामिल है.
Source : News Nation Bureau