अयोध्या (Ayodhya) विवाद पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के एक दिन बाद प्रसिद्ध पटकथा लेखक सलीम खान (Salim Khan) ने रविवार को कहा कि न्यायालय की ओर से मुस्लिम समुदाय को दी गई पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद के बजाय स्कूल या अस्पताल का निर्माण किया जाना चाहिए. उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को सर्वसम्मति से फैसला सुनाते हुए अयोध्या (Ayodhya) के विवादित स्थान पर राम मंदिर का रास्ता साफ कर दिया. साथ ही केंद्र सरकार को मस्जिद बनाने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का निर्देश दिया.
कालजयी शोले और दीवार जैसी फिल्मों की पटकथा लिखने वाले 83 वर्षीय खान ने कहा कि यह अच्छा हुआ कि मामला अंतत: खत्म हो गया. उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘फिल्म की तरह इसका भी पटाक्षेप हो गया. यह कोई मायने नहीं रखता अगर आप इसकी आलोचना करते हैं, या अच्छा बताते हैं या जो कुछ भी कहते हैं, अब यह खत्म हो चुका. यह कई वर्षों से चल रहा था और जटिल बनता जा रहा था. उच्चतम न्यायालय ने समय लिया और फैसला दिया.
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अब इसपर चर्चा नहीं होनी चाहिए.’’ खान ने कहा, ‘‘हमें नमाज अदा करनी होती है लेकिन यह कहीं भी की जा सकती है. यात्रा के दौरान रेलगाड़ी और विमान में नमाज पढ़ी जा सकती है. महत्वपूर्ण यह है कि जगह साफ हो. हमें इसके लिए मस्जिद की जरूरत नहीं है.
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आज प्राथमिकता स्कूल, कॉलेज, अस्पताल है और हमें उसपर गौर करना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें उस पांच एकड़ जमीन पर स्कूल, अस्पताल और कॉलेज का निर्माण करना चाहिए. हमारे बड़े नेता शिक्षण संस्थाओं से आएंगे. यहां तक की पवित्र कुरान के पहले अध्याय में शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया गया है.’’ खान ने कहा कि फिल्म उद्योग में अच्छे लेखक नहीं हैं क्योंकि कोई अब किताब नहीं पढ़ता. उन्होंने कहा कि इसे बदलने की जरूरत है.