जोधपुर की जिला और सत्र अदालत के न्यायाधीश रविंद्र कुमार जोशी ने शुक्रवार को वर्ष 1998 के काला हिरण शिकार मामले में दोषी ठहराए गए फिल्म अभिनेता सलमान खान की जमानत याचिका पर सुनवाई शनिवार तक के लिए स्थगित कर दी है।
अभियोजन पक्ष के वकील महिपाल विश्नोई और सलमान खान के अधिवक्ता हस्ती मल सारस्वत ने यह जानकारी दी। विश्नोई ने बताया कि अदालत ने सलमान खान की जमानत याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। अदालत ने अधीनस्थ अदालत का रिकॉर्ड तलब करने के बाद सुनवाई शनिवार तक के लिए टाल दी।
उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए अधीनस्थ अदालत के निर्णय को उचित ठहराया और सजा बरकरार रखने की दलील दी।
सारस्वत ने बचाव पक्ष की दलील रखते हुए कहा कि सलमान खान के खिलाफ चश्मदीद साक्ष्य नहीं है लिहाजा अधीनस्थ अदालत के आदेश को रद्द किया जाए।
न्यायाधीश रविन्द्र कुमार जोशी ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अगली सुनवाई के लिए शनिवार का दिन तय किया।
सरकारी वकील के अनुसार, अदालत ने अधीनस्थ अदालत का रिकार्ड मंगवाया जिसका बचाव पक्ष के वकील ने विरोध किया। हालांकि अदालत ने बचाव पक्ष की इस दलील को खारिज कर दिया।
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बचाव पक्ष के वकील हस्ती मल सारस्वत ने कांकाणी गांव में हिरण शिकार के जुर्म में अधीनस्थ अदालत की ओर से फिल्म अभिनेता सलमान खान को पांच साल की कैद और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा कल सुनाने के बाद ही जमानत याचिका कल ही पेश कर दी थी।
अदालत परिसर में जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान गहमागहमी का माहौल था। सलमान खान की दोनों बहनें अर्पिता और अलवीरा समेत परिवार के अन्य सदस्य, प्रशंसक और सलमान खान को सजा मिलने पर खुशी जता रहे विश्नोई समाज के लोग भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि सीजेएम अदालत के न्यायाधीश देव कुमार खत्री ने गुरुवार को दो दशक पुराने मामले में सलमान खान को वन्य जीव सरंक्षण अधिनियम के तहत पांच साल की कैद और दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनायी थी जबकि पांच अन्य सह आरोपी सैफ अली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और दुष्यंत सिंह को सन्देह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था।
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Source : News Nation Bureau