समाजवादी पार्टी (सपा) नेता राम गोपाल यादव ने बुधवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 54 फीसदी आरक्षण देने की मांग करते हुए कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई आरक्षण की अधिकतम 50 फीसदी सीमा को तोड़कर इसका रास्ता साफ कर दिया है. सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षा संस्थानों में सवर्णो को 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि ओबीसी को यह कहते हुए उनकी आबादी के अनुपात में आधा आरक्षण दिया गया था कि आरक्षण की अधिकतम 50 फीसदी की सीमा को तोड़ा नहीं जा सकता.
राज्यसभा में बुधवार को संविधान (124वां संशोधन) विधेयक 2019 पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, 'लेकिन जब आप सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तय की गई अधिकतम 50 फीसदी की सीमा तोड़ सकते हैं, मैं आग्रह करता हूं कि ओबीसी को उनकी आबादी के आधार पर 27 फीसदी आरक्षण की अपेक्षा 54 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए. तथा अब अनुसूचित जाति की आबादी भी 25 फीसदी है तो उन्हें भी इसी अनुपात में आरक्षण दिया जाना चाहिए.'
उन्होंने विधेयक के समय पर भी सवाल उठाते हुए कहा, 'यह पिछले साढ़े चार साल में कभी भी लाया जा सकता था. क्या आप (सरकार) ईमानदार थे, यह विधेयक दो-तीन साल पहले लाया जा सकता था जिससे जनता को वास्तव में इसका लाभ मिलता.'
सपा नेता ने सरकार से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण बढ़ाने के लिए भी कहा. उन्होंने कहा, 'आरक्षण के इतने सालों के बावजूद, क्या सरकारी नौकरियों में उनका पर्याप्त प्रतिनिधित्व है?'
और पढ़ें : EWS आरक्षण पर रविशंकर प्रसाद ने कहा- क्या राजपूत और ब्राह्मण वर्ग के लोग मजदूर नहीं हैं?
उन्होंने कहा कि सवर्णो के लिए नया 10 फीसदी आरक्षण वांछित और सफल साबित नहीं होगा क्योंकि विमुद्रीकरण के कारण बाजार में कई नौकरियां नष्ट हो चुकी हैं और अब बाजार में पर्याप्त नौकरियां नहीं हैं.
उन्होंने कहा, 'जब रोजगार ही नहीं है तो आरक्षण का क्या मतलब?' संविधान (संशोधन) विधेयक 2019 लोकसभा में मंगलवार को पारित हो चुका है.
Source : IANS