लोकसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही तीसरे मोर्चे को बनाने की कवायद जोर पकड़ने लगी है।
2019 के चुनाव से पहले गैर बीजेपी और गैर कांग्रेसी गठबंधन को बनाने की दिशा में गुरुवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के सी राव ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया से मुलाकात की।
हैदराबाद में हुई इस मुलाकात के बाद अखिलेश ने कहा कि क्षेत्रीय दलों का गठबंधन ही देश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को रोक सकता है।
अखिलेश ने कहा, 'पूर्व की केंद्र सरकारों ने जनता को निराश किया है। मुझे खुशी है कि केसीआर देश भर के क्षेत्रीय दलों को एकसाथ लाने का काम कर रहे हैं।'
उन्होंने कहा, 'अगर कोई बीजेपी को रोक सकता है तो वह क्षेत्रीय दलों की संयुक्त कोशिश होगी।'
अखिलेश की इस मुलाकात से पहले केसीआर ने रविवार को डीएमके नेता एम के स्टालिन से चेन्नई में मुलाकात की थी।
मुलाकात के बाद स्टालिन ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में अभी एक वर्ष बाकी है, लेकिन एक चुनावी गठबंधन जल्द ही घोषित किया जाएगा।
गौरतलब है कि केसीआर बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ एक संघीय मोर्चा बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक मोर्चा अस्तित्व में होगा, लेकिन इसके गठन की कोई जल्द नहीं है।
केसीआर के साथ ममता बनर्जी भी तीसरे मोर्चे को साकार करने को लेकर सियासी समीकरणों को साधने में जुटी हुई है।
इसी रणनीति के तहत संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान ममता ने दिल्ली में डेरा जमाते हुए अन्य दलों से बातचीत कर उन्हें साथ लाने की कोशिश की थी।
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दिल्ली प्रवास के दौरान उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी, जिसमें पवार और बनर्जी के अलावा एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और दिनेश शर्मा मौजूद रहें।
ममता ने इस दौरान एनडीए से नाराज चल रहे दलों को भी साथ लाने की कोशिश की।
बीजेपी से कई मुद्दों पर नाराज चल रही शिव सेना के सांसद संजय राउत से उनकी मुलाकात इसी कड़ी का हिस्सा रही थी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की बेहद अहम माने जाने वाली लोकसभा की दो सीटों पर बीजेपी की हार के बाद विपक्षी दलों की गोलबंदी तेज हुई। उप-चुनाव में बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले गोरखपुर लोकसभा सीट पर पार्टी की करारी हार हुई। वहीं फुलपूर लोकसभा सीट पर बीजेपी चुनाव नहीं जीत पाई।
इन चुनावों में खास बात यह रही कि दोनों ही सीटों पर बीजेपी की हार की वजह उत्तर प्रदेश की दो बड़ी पार्टियों सपा (समाजवादी पार्टी) और बसपा (बहुजन समाज पार्टी) का साथ आना रहा।
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HIGHLIGHTS
- गैर बीजेपी-गैर कांग्रेसी दलों को साथ लाने की कोशिशें हुईं तेज
- हैदराबाद में तेलंगाना सीएम केसीआर राव से मिले अखिलेश यादव
Source : News Nation Bureau