राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित टीम की रिपोर्ट के खुलासे के बाद बीजेपी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा है. संबित पात्रा ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि केजरीवाल ने जघन्य अपराध किया है. दिल्ली सरकार अपनी नाकामी का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ने के लिए राजनीति कर रही थी. इसी कारण उसने जरूरत से ज्यादा ऑक्सीजन की मांग की. संबित पात्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब दिल्ली की जनता जिंदगी और मौत से जूझ रही थी तो केजरीवाल विज्ञापन में व्यस्त थे.
संबित पात्रा ने कहा कि देश ने कोरोना की दूसरी वेव को पराजित किया, लेकिन दिल्ली में ऑक्सीजन की राजनीति को सबसे रिपोर्ट में देखा है. मुख्यमंत्री केजरीवाल और दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन पर सियासत की है. सुप्रीम कोर्ट पैनल की रिपोर्ट में साफ है की दिल्ली सरकार ने जरूरत से चार गुना मांग बढ़ाकर दिखाई थी, जिसकी वजह 12 राज्यों की ऑक्सीजन काटकर दिल्ली भेजनी पड़ी. हरियाणा और यूपी को इससे नुकसान हुआ.
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पात्रा ने कहा कि सीएम के मुख्यमंत्री ने हरियाणा और यूपी सरकार को गाली दी, कि वो दिल्ली की ऑक्सीजन को रोक रहे हैं. जरूरत से चार गुना डिमांड रखी. 1140 मैट्रिक टन ऑक्सीजन मांगी, जबकि 209 मैट्रिक टन ही दिल्ली के अस्पतालों में के काम आई. यह केजरीवाल की आपराधिक भूल है. दिल्ली सरकार सप्लाई को मैनेंज नहीं कर पा रही थी. मई 3 दिल्ली और मुबई के एक्टिव केस बराबर थे जबकि मुंबई में 200 और दिल्ली को 900 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत कैसे हो सकती है. सीएम ने आईसीएमआर के नाम का गलत प्रयोग किया.
बत्रा और गोल्डन जयपुर में मौत के जिम्मेदार केजरीवाल
संबित पात्रा ने कहा कि दिल्ली सरकार के दावों और हकिकत में बड़ा अंतर रहा, सिर्फ विज्ञापन पर काम किया. दिल्ली के पास वैक्सीन है पर जहां दूसरे राज्य 14 लाख टीका लगा रहे हैं वहीं दिल्ली में 50 हज़ार लोगों को ही टीका लगाया जा रहा है. राशन के जरिये दिल्ली सरकार सियासत कर रही है. वन नेशन वन राशनकार्ड नहीं बना पा रही है. बत्रा और जयपुर गोल्डन अस्पताल में हुई मौत के जिम्मेदार केजरीवाल हैं, कोर्ट में उन्हे डंड दिया जाएगा.
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दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. कोरोना की दूसरी लहर के बीच राज्यों को केंद्र की ओर से हो रहे ऑक्सीजन आवंटन के ऑडिट के लिए गठित टीम ने अपने निष्कर्ष में पाया है कि दिल्ली ने अप्रैल 25 से 10 मई के बीच अपनी ज़रूरत से लगभग चार गुना ज्यादा ऑक्सीजन की मांग की, जिसके चलते 12 सबसे ज़्यादा केस वाले राज्यों में ऑक्सीजन का संकट पैदा हुआ. रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सरकार की ओर से 1140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की खपत दावा किया गया, वो हॉस्पिटल में मौजूद बेड की सामर्थ्य के लिहाज से (289 मीट्रिक टन ) से चार गुना है.