केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने खुलकर सनातन संस्था का विरोध किया है। सोमवार ( 27 अगस्त) को अठावले ने कहा कि अगर जरूरत हो तो सनातन संस्था को पूरी तरह बैन कर देना चाहिए। सनातन संस्था को अपनी हिंसक गतिविधियों को रोकना चाहिए। रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के चीफ रामदास अठावले ने कहा, 'अगर नरेंद्र दाभोलकर और गौरी लंकेश की हत्या के पीछे सनातन संस्था का हाथ है,तो इसके खिलाफ कार्रवाई करने चाहिए। अपराधी को जल्द से जल्द पकड़ना चाहिए। अगर जरूरत हो तो सनातन संस्था को जल्द से जल्द बंद कर देना चाहिए।'
रामदास अठावले का बयान उस वक्त आया है जब सनातन संस्था ने दाभोलकर और गौरी लंकेश की हत्या में शामिल होने से इंकार किया है।
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सनातन संस्था के प्रवक्ता चेतन राजहंस का कहना है, 'हाल ही में 9 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। लेकिन किसी का संबंध सनातन संस्था से नहीं है। अनावश्यक रूप से संस्था को टारगेट किया जा रहा है। 9 में से 5 लोगों का नाम मीडिया से पता चला। गिरफ्तारियों में से किसी का संबंध इस संस्था से नहीं है।'
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सिर्फ इसलिए की ये लोग संस्थान के आश्रम में आए थे इन्हें हमारे साथ नहीं जोड़ा जा सकता है। एटीएस (ATS) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया है कि जांच पूरी नहीं हुई है अभी ये शुरुआती चरण में है। इन अफवाहों के खिलाफ हमने न्यायिक तरीके से कदम उठाने का फैसला लिया है। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि सनातन संस्था को टारगेट न करे और ना ही तब तक लिखे या बोले जबतक की उचित जानकारी ना हो।'
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गौरी लंकेश और दाभोलकर की हत्या के पीछे तार जुड़ें
बता दें कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का कहना है कि अंधविश्वास के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले पुणे के नरेंद्र दाभोलकर और बेंगलुरु की पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के तार एक-दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। कुछ दिन पहले नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड के आरोपी सचिन अंदुरे के एक दोस्त के घर से सीबीआई और एटीएस ने 7.65 बोर की पिस्टल, कुछ कारतूस और एक तलवार जब्त की है। इस पिस्टल के तार गौरी लंकेश केस में गिरफ्तार आरोपी अमोल काले से जुड़ रहे हैं। सचिन अंदुरे ने पूछताछ में बताया कि 20 अगस्त, 2013 को पुणे में नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के बाद हथियार अमोल काले को दे दिया था।
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सनातन संस्था ने धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाने की मांग की
कई जांच एजेंसियों के रडार पर चढ़ी दक्षिणपंथी सनातन संस्था ने सोमवार को भारतीय संविधान से धर्मनिरपेक्ष शब्द को हटाने की मांग की। संस्था के प्रवक्ता चेतन राजहंस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 'धर्मनिरपेक्ष' और 'समाजवादी' शब्द संविधान में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शामिल करवाए थे। अगर शब्दों को जोड़ने का प्रावधान है तो इन्हीं प्रावधानों से इन्हें हटाया भी जा सकता है।
Source : News Nation Bureau