हाथरस के बुलगढ़ी में लगातार नई बातें सामने आ रही हैं. अब मामला एक अलग ही दिशा में जा रहा है. इस मामले के आरोपियों की बातें भी अब सामने आने लगी हैं. इस मामले के मुख्य आरोपी संदीप ठाकुर (Accused Sandeep) ने पुलिस अधीक्षक हाथरस (Hathras) को पत्र लिखकर कहा है कि उसे झूठे केस में मृतका के परिजनों ने ही फंसाया है. उसने जेल से एसपी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वह मृतका को जानता था. दोनों के बीचट अच्छी दोस्ती थी. इस बात को लड़की का परिवार पसंद नहीं करता था.
यह भी पढ़ेंः Hathras Case : जयंत चौधरी करेंगे मुजफ्फरनगर में महापंयचात, विपक्षी दल साथ
चिट्ठी में क्या लिखा
आरोपी संदीप ने चिट्टी में लिखा कि वह 14 सितंबर को मृतका से खेल पर मिला था. उस दौरान मृतका का भाई और उसकी मां भी वहीं मौजूद थी. मृतका ने उसे वहां से भेज दिया. संदीप ने कहा कि मृतका के भाई और उसकी मां ने ही उसकी पिटाई की. संदीप ने चिट्ठी में लिखा कि उसकी मृतका से अच्छी दोस्ती थी जिसे उसके घरवाले पसंद नहीं करते थे. घटना वाले दिन मैं उससे खेत में मिला जरूर था लेकिन मृतका ने जब अपने भाई और मां को देखा तो उसे वहां से जाने को कह गया. बाद में पता चला कि मृतका के साथ मारपीट की गई है. चिट्ठी में संदीप ने अन्य तीनों आरोपियों को निर्दोष बताते हुए लिखा कि पूरे मामले में मृतका की मां और भाई शामिल है.
यह भी पढ़ेंः हाथरस केस में UP सरकार SC में आज दायर करेगी हलफनामा
कॉल डिटेल्स में भी फोन पर बात होने की पुष्टि
आरोपी संदीप के फोन से खुलासा हुआ है कि उसके फोन से अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 के बीच मृतका के घर पर मौजूद एक नंबर से 104 बार बात हुई थी. इतना ही नहीं ज्यादातर कॉल आधी रात के बाद किए गए. इसके सामने आने के बाद मामले का रुख पूरी तरह बदल गया है. अब आरोपियों के परिजनों का कहना है कि उनके बच्चे जेल में सुरक्षित नहीं हैं. परिवारीजनों ने खतरे की आशंका जताई है.
Source : News Nation Bureau