महाराष्ट्र (Maharashtra) में बीजेपी से दशकों पुराने संबंधों को तोड़ नए गठबंधन महाविकास अघाड़ी की सरकार के सूत्रधार बने संजय राउत (Sanjay Raut) और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की चंद घंटों की मुलाकात ने सूबे के सियासी पारे को चढ़ा दिया है. इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारे में चर्चा छिड़ गई है कि शिवसेना (Shivsena) और बीजेपी (BJP) फिर नजदीक आ रही हैं. यह अलग बात है कि इन कयासों पर पानी फेरते हुए शिवसेना सांसद ने इस मुलाकात पर रविवार को सफाई पेश की है. उनका कहना है कि फडणवीस से कोई दुश्मनी नहीं है. 'सामना' के सिलसिले में पूर्व सीएम से मुलाकात की थी, जिसकी जानकारी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) को भी थी.
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नरेंद्र मोदी हमारे भी नेता हैं
अब संजय राउत ने फडणवीस के साथ हुई मुलाकात को लेकर अपना पक्ष रखा है. उनका कहना है, 'मैं कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कल (शनिवार) देवेंद्र फडणवीस से मिला था. वह पूर्व सीएम हैं. इसके अलावा वह महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता हैं और बीजेपी के बिहार चुनाव प्रभारी भी हैं.' उन्होंने कहा, 'हमारे बीच वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन हम दुश्मन नहीं हैं. सीएम उद्धव को इस बैठक के बारे में पता था.' इसके बाद उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, ऐसे में वह उद्धव ठाकरे के नेता हैं. वह हमारे नेता भी हैं.'
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ये असल एनडीए नहीं
हालांकि संजय राउत यहां भी तंज कसने से खुद को रोक नहीं सके. एनडीए से अकाली दल के अलग होने को आधार बनाते हुए उन्होंने कहा कि एनडीए के मजबूत स्तंभ शिवसेना और अकाली दल थे. शिवसेना को मजबूरन एनडीए से बाहर निकलना पड़ा, अब अकाली दल निकल गया. एनडीए को अब नए साथी मिल गए हैं, मैं उनको शुभकामनाएं देता हूं. हालांकि जिस गठबंधन में शिवसेना और अकाली दल नहीं हैं, मैं उसको एनडीए नहीं मानता. संजय राउत ने कहा कि यह बीजेपी के लिए बड़ा झटका है.
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मुलाकात से चढ़ा सियासी पारा
गौरतलब है कि संजय राउत ने शनिवार को एक पंच सितारा होटल में पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी. राउत पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता बंटवारे के फार्मूले को लेकर भाजपा विरोधी रुख के लिए सुर्खियों में थे. हालांकि इस मुलाकात को लेकर शिवसेना और बीजेपी दोनों ने ही सपाई देते हुए कहा था कि इसके राजनीतिक निहितार्थ नहीं निकाले जाने चाहिए. यह अलग बात है कि देवेंद्र फडणवीस के नजदीकी की टिप्पणी से सूबे का राजनीतिक पारा चढ़ गया था.