दिल्ली में तीन सप्ताह से चल रहे किसान आंदोलन के बीच बुधवार को कोंडली बॉर्डर पर संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है. इसके बाद उन्हें आनन-फानन अस्पताल ले जाया गया, जहां उनको मृत घोषित कर दिया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बाबा बुड्ढा साहेब प्रचारक सभा करनाल के सेक्रटरी गुलाब सिंह कहते हैं कि मैं साल 1996 से उनका शिष्य हूं.
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बाबा का जन्म जगरांव पंजाब में हुआ था. वह छह बहनों में इकलौते भाई थे. मैंने उनसे कीर्तन प्राप्त किया था. रागी गुलाब सिंह कहते हैं, 'जब यह घटना हुई उस वक्त भाई मंजीत सिंह उनके नजदीक ही थे. वह बाबा राम सिंह के हुजूरी सेवक हैं. वह हर वक्त बाबा जी के साथ ही रहते हैं.' गुलाब सिंह ने कहा, '8 और 9 दिसंबर को बाबाजी ने करनाल में अरदास समागम रखा, जिसमें कई जत्थे आए थे.
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बाबाजी ने अरदास की कि किसान आंदोलन में जो भी किसान शामिल हैं, वे सुखशांति से अपने घर पहुंचें. 9 दिसंबर को बाबाजी किसान आंदोलन में 5 लाख रुपये देकर आए थे. इसके बाद बाबाजी वहां पर गर्म कंबल देकर भी आए. वह हर रोज अपने जत्थे समेत पहुंच रहे थे. हर दिन वह डायरी लिखते थे. वह कहते कि मुझसे यह दुख नहीं देखा जा रहा.'
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बाबा राम सिंह गाड़ी में बैठे हुए थे. फिर उन्होंने एक नोट लिखा. उन्होंने इसमें लिखा कि किसान आंदोलन से दुखी होकर कई भाइयों ने अपनी नौकरी छोड़ी, अपना सम्मान वापस किया. ऐसे में मैं अपना शरीर समर्पित कर रहा हूं. पिस्टल गाड़ी में पड़ा हुआ था. वही लेकर उन्होंने खुद को शहीद कर लिया.
Source : News Nation Bureau