हरियाणा और महाराष्ट्र के साथ ही 18 राज्यों के उपचुनाव के नतीजों ने बीजेपी के कई नेताओं की साख पर असर डाला है. हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों के साथ ही इन दोनों प्रदेशों के प्रभारियों के काम की भी समीझा की जा रही है. महाराष्ट्र में जहां बीजेपी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला है तो वहीं हरियाणा में बीजेपी बहुमत के आंकड़े को पार करने में कामयाब नहीं हो सकी.
महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखने वाले दो नेताओं की साख दांव पर लगी थी. महाराष्ट्र चुनाव की कमान प्रदेश प्रभारी, राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडेय के हाथ थी. उनके नेतृत्व में बीजेपी ने भारी मतों से जीत दर्ज की. ऐसे में राजनीति के जानकारों का मानना है कि चुनाव परिणामों से राष्ट्रीय राजनीति में सरोज पांडेय का कद बढ़ना तय है. दूसरी तरफ हरियाणा का चुनाव प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन के नेतृत्व में लड़ा गया. यहां बीजेपी बहुमत से पीछे रह गई और सीटों के समीकरण में फंस गई.
यह भी पढ़ेंः बीजेपी को मिला 8 निर्दलीय विधायकों का समर्थन, दिल्ली में की जेपी नड्डा से मुलाकात
छत्तीसगढ़ में हार से बाद प्रभारी पद से हटाने की उठी थी मांग
डॉ. अनिल जैन पहले छत्तीसगढ़ के प्रभारी थे. उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ विधानसभा का चुनाव लड़ा गया. चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था. तब भाजपा संगठन में डॉ अनिल जैन को प्रभारी के पद से हटाने की मांग उठी थी. लेकिन तब केंद्रीय नेतृत्व ने अनिल जैन पर भरोसा जताया. न सिर्फ अनिल जैन को हटाने से इनकार कर दिया गया बल्कि उन्हें हरियाणा का प्रभारी भी बनाए रखा. बीजेपी के उच्च पदस्थ सूत्रों का मानना है कि छत्तीसगढ़ में हार के बाद ही अनिल जैन को हरियाणा की जिम्मेदारी से हटाया जाना चाहिए था.
यह भी पढ़ेंः दिल्ली पहुंचने के बाद CM खट्टर ने किया बड़ा दावा, बोले- हरियाणा में सरकार बना रही है BJP
अनिल जैन को प्रदेश प्रभारी के पद से हटाने की तेज होगी मांग
हरियाणा नतीजों के बाद अनिल जैन के खिलाफ विरोधी खेमा एक बार फिर एकजुट हो सकता है. बीजेपी के कई नेता अनिल जैन को प्रभारी के पद से हटाने के लिए लामबंद हो सकते हैं. बीजेपी सूत्रों का मानना है कि हरियाणा में सरकार बनाने के लिए निर्दलीय विधायकों की जरूरत होगी. सरकार बनाने के बाद भी उन पर निर्भर रहना होगा.
यह भी पढ़ेंः देखती रह गई कांग्रेस (Congress), हरियाणा (Haryana) में सरकार बनाने का बीजेपी (BJP) ने कर लिया जुगाड़
सरोज पांडेय का बढ़ेगा कद
महाराष्ट्र चुनाव में जीत के बाद सरोज पांडेय का कद बढ़ना तय माना जा रहा है. इन चुनाव परिणामों के बाद सरोज पांडेय का दखल छत्तीसगढ़ सहित देशभर के भाजपा शासित राज्यों में भी बढ़ेगी. बताया जा रहा है कि चुनाव से पहले बीजेपी और शिवसेना के बीच टिकट बंटवारे में सरोज पांडेय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
यह भी पढ़ेंः झारखंड : दिग्गजों के आने से उत्साहित भाजपा की हरियाणा ने उड़ाई नींद!
रमन सिंह की साख पर असर
विधानसभा चुनाव में हार के बाद चित्रकोट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. चित्रकोट विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी की हार के बाद डॉ रमन के कद पर भी असर पड़ना तय है. कांग्रेस लगातार रमन सिंह पर तीखे हमले बोल रही है. विधानसभा चुनाव में उनको स्टार प्रचारक भी नहीं बनाया गया था. प्रदेश में जल्द नगरीय निकाय चुनाव होने हैं. ऐसे में सरोज पांडेय के पक्ष का खेमा मजबूत हो सकता है. इससे छत्तीसगढ़ बीजेपी में गुटबाजी भी देखने को मिल सकती है.
HIGHLIGHTS
- अनिल जैन को छत्तीसगढ़ चुनाव में मिली हार के बाद प्रभारी पद से हटाने की उठी थी मांग
- हरियाणा में बीजेपी को नहीं मिला बहुमत, निर्दलीयों की सहारे बनानी पड़ेगी सरकार
- महाराष्ट्र में स्पष्ट बहुमत से बढ़ा प्रभारी सरोज पांडेय का कद, छत्तीसगढ़ की राजनीति पर भी पड़ेगा असर