Independence Day 2023: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हर साल की तरह इस साल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करेंगे, लेकिन इस लाल का स्वतंत्रता दिवस अन्य सालों से अलग होगा. क्योंकि साल आजादी का जश्न मनाने के लिए कुछ खास मेहमानों को न्यौता दिया गया है. दरअसल, इस साल भारत के सीमावर्ती गांवो के सरपंच स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर मौजूद होंगे. 662 गांवों के ये सरपंच अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख से लगी चीनी सीमा के पास के होंगे. ये गांव केंद्र के वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम (VVP) के तहत आते हैं. बताया जा रहा है कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) मुख्यालय ने इन जिलों में अपने कर्मियों को संपर्क अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया है, जो ‘जिला मुख्यालय से दिल्ली और वापस जिला मुख्यालय’ तक इन सरपंच मेहमानों के साथ मौजूद रहेंगे. संपर्क अधिकारी इन जिलों की इकाइयों के आईटीबीपी कर्मी ही होंगे.
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कई सरपंचों को भेजा गया निमंत्रण
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, कई सरपंचों को न्यौता भेजा जा चुका है. आईटीबीपी के विभागीय संचार में इस बारे में कहा गया है कि स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने वाली महिला मेहमानों की संख्या के अनुरूप महिला कर्मियों की भी एक उचित संख्या होनी चाहिए. इसके साथ ही कहा गया है कि कई जिलों में या जगहों पर इस तरह का कोई व्यक्ति न मिलने की दशा में LO यानी संपर्क अधिकारी के लिए जो बेहतर विकल्प होगा उसे चुना जाएगा. महिलाओं के मामले में यह और मुश्किल हो सकता है, ऐसी स्थिति में उस महिला का चुनाव किया जाएगा जिसकी अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ हो. सभी मेहमानों को दिल्ली लाने के लिए विशेष उड़ान की व्यवस्था की जा रही है. इसके साथ ही वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत आने वाले सीमावर्ती गांवों के सभी सरपंचो को भी इस बारे में जानकारी दे दी गई है.
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द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के बगोरी गांव की सरपंच सरिता रावत ने बताया कि, उन्हें 2 जुलाई को पंचायत अधिकारियों ने सूचित किया कि उन्हें लाल किले में स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेना है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मेरे अलावा सात और पड़ोसी सरपंचों को आमंत्रित किया गया है. वहीं उत्तरकाशी जिले के हर्षिल गांव के सरपंच दिनेश रावत ने बताया कि लगभग एक सप्ताह पहले, जिला प्रशासन और आईटीबीपी कर्मियों ने मुझे स्वतंत्रता दिवस के लिए पास बनाने के लिए अपने दस्तावेज देने के लिए कहा था. हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है.
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जानिए क्या है वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम?
बता दें कि केंद्र सरकार के वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की घोषणा 2022 के बजट में की गई थी. जिसका मकसद चीन की सीमा से लगे इलाकों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को अच्छा करना है. इस कार्यक्रम की शुरूआत गृहमंत्री अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश के किबिथू गांव से की थी. केंद्र की इस योजना में अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के देश की उत्तरी सीमा से सटे 19 जिले आते हैं. इन जिलों के 46 ब्लॉकों के करीब 2,967 गांव इसमें शामिल हैं. जिसके पहले चरण में करीब 662 गांवों को चुना गया है.
HIGHLIGHTS
- स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगे 662 गांवों के सरपंच
- चीनी सीमा सटे गांवों के सरपंच को भेजा जाएगा न्यौता
- वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत कार्यक्रम का हिस्सा होंगे
Source : News Nation Bureau