तमिलनाडु में सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) में मची आतंरिक कलह के बीच महासचिव वी.के. शशिकला गुरुवार को राज्यपाल के समक्ष विधायकों की परेड करा सकती हैं। राज्यपाल सी. विद्यासागर राव चार दिनों तक राज्य से अनुपस्थित रहने के बाद गुरुवार को यहां लौटने वाले हैं, जिसके बाद शशिकला उनसे मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती हैं।
सूत्रों के अनुसार, शशिकला के पास 131 विधायकों का लिखित समर्थन है। बुधवार को उन्होंने पार्टी विधायकों की जो बैठक बुलाई थी, उसमें ये सभी विधायक पहुंचे थे। इसके बाद इन विधायकों को उन्होंने विभिन्न होटलों व अन्य 'गोपनीय' स्थानों पर भेज दिया। उनके फोन भी ले लिए गए हैं।
शशिकला रविवार को एआईएडीएमके विधायक दल की नेता चुनी गई थीं और मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद शशिकला के मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया था। उनके शपथ-ग्रहण की तैयारियां भी चल रही थीं, लेकिन इसी बीच राज्यपाल पहले दिल्ली और फिर मुंबई चले गए, जिसकी वजह से शशिकला सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर सकीं।
राज्यपाल के राज्य लौटने का इंतजार हो ही रहा था कि मंगलवार रात पूरे मामले में उस वक्त नाटकीय बदलाव आया, जब कार्यवाहक मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने शशिकला के खिलाफ खुलकर बगावत कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि शशिकला व पार्टी के कुछ अन्य नेताओं ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया।
शशिकला ने हालांकि इससे इनकार किया और पन्नीरसेल्वम पर विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम से मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने बुधवार को पन्नीसेल्वम को 'विश्वासघाती' करार देते हुए उन्हें पार्टी से निकालने की बात भी कही।
फिलहाल, राज्यपाल के राज्य लौटने का इंतजार है। सूत्रों का कहना है कि यदि राज्यपाल शशिकला के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ-ग्रहण में देरी करते हैं वह विधायकों की परेड राष्ट्रपति के समक्ष भी करा सकती हैं।