उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में धरती की सतह का तापमान 60 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया है. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की वेबसाइट उपग्रह से लिए गए चित्र दिखाते हैं उत्तर पश्चिम भारत के कई हिस्सों में भूमि की सतह का तापमान 55 डिग्री सेल्सियस के करीब है और कई इलाकों में 60 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है. उपग्रहों द्वारा शनिवार को ली गई इमेजरी के अनुसार, उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सतही भूमि का तापमान 60 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया. इनसैट 3डी, कोपरनिकस सेंटिनल 3 और नासा के एक उपग्रह द्वारा ली गई भूमि की सतह की तस्वीरों से संकेत मिले हैं कि उत्तर पश्चिम भारत के कुछ इलाकों में भूमि की सतह के तापमान 60 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया है. धरती की इस बढ़ी हुई तापमान परकई वैज्ञानिकों ने हीटवेव के गंभीर प्रभावों के बारे में चिंता जताई.
दरअसल, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की वेबसाइट ने यह भी दिखाया कि उत्तर पश्चिम भारत के कई हिस्सों में भूमि की सतह का तापमान 55 डिग्री सेल्सियस के करीब है और कई इलाकों में 60 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है। “कोपरनिकस सेंटिनल -3 मिशन के डेटा का उपयोग करके तैयार की गई इन तस्वीरों में देश के अधिकांश हिस्सों में भूमि की सतह के तापमान को दर्शाया गया है. 29 अप्रैल (स्थानीय समयानुसार 10:30) को क्लाउड कवर की अनुपस्थिति के कारण, सेंटिनल -3 मिशन जमीन की सतह के तापमान का सटीक माप प्राप्त करने में सक्षम था, जो कई क्षेत्रों में 60 डिग्री सेल्सियस से अधिक था। डेटा से पता चलता है कि जयपुर और अहमदाबाद में सतह का तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जबकि सबसे गर्म तापमान अहमदाबाद के दक्षिण-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम में (गहरे लाल रंग में दिखाई देता है) अधिकतम 65 डिग्री सेल्सियस की भूमि की सतह के तापमान के साथ, "ईएसए ने अपनी वेबसाइट पर कहा।
परीक्षण के बाद ही कुछ कहना होगा संभव
वहीं, आरएमएसआई प्राइवेट के सीनियर वीपी पुष्पेंद्र जौहरी ने कहा कि कल शाम इन भूमि की सतह के तापमान पर ध्यान दिया. वे बेहद ऊंचे हैं. कुछ उच्चतम भूमि तापमान राजस्थान, गुजरात, तेलंगाना, पंजाब और मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए. एंटी साइक्लोनिक हवाएं भूमि पर बहुत गर्म हवा ला रही हैं, लिहाजा वर्षा थम गई है. इसलिए भूमि शुष्क है और सीधी धूप है, मित्रा ने समझाया। उन्होंने कहा कि इस मौसम के दौरान सामान्य सतह का तापमान 45 से 55 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है. "यह डेटा अभूतपूर्व है। हम अपनी टीम के साथ सत्यापित करना चाहते हैं और फिर उस पर टिप्पणी करना चाहते हैं,
आईएमडी ने प्रमाणिकता पर उठाए सवाल
वहीं, आईएमडी के महानिदेशक एम महापात्रा ने कहा कि जमीनी सत्यापन करने से पहले इस डेटा पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उपग्रह अवलोकन सतह से 36,000 किमी दूर से लिए जाते हैं. सत्यापित नहीं होने पर वे भ्रामक हो सकते हैं. राजस्थान में रिकॉर्ड उच्चतम भूमि का तापमान 52.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. यह डेटा भय और दहशत पैदा कर सकता है, इसलिए हमें जिम्मेदारी से कार्य करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा, क्या आप जानते हैं कि 60 डिग्री सेल्सियस का क्या मतलब होता है? सड़कें और अन्य बुनियादी ढांचा पिघल जाएगा. मैंने राजस्थान में 50 डिग्री सेल्सियस पर सड़कों को पिघलते देखा है. हमें बहुत सावधान रहना चाहिए और पहले जमीनी आकलन करना चाहिए. एक अन्य वैज्ञानिक ने कहा, जिसका नाम लेने से इनकार कर दिया।
अप्रैल में मई जैसी गर्मी
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक इस वर्ष पश्चिम-मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान रहने का अनुमान है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक, डॉ. एम. महापात्र ने शनिवार को बताया कि अप्रैल 2022 में उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में औसत अधिकतम तापमान पिछले 122 वर्षों में क्रमशः 35.90 डिग्री सेल्सियस और 37.78 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे अधिक दर्ज किया गया है. वहीं, कुछ स्थानों पर तो अप्रैल माह में ही पारा 46 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया. उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, झांसी और लखनऊ में अप्रैल का सर्वकालिक उच्च तापमान क्रमश: 46.8 डिग्री सेल्सियस, 46.2 डिग्री सेल्सियस और 45.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं, हरियाणा के गुरुग्राम और मध्य प्रदेश के सतना में भी अप्रैल महीने में अब तक का उच्च तापमान 45.9 डिग्री सेल्सियस और 45.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. ये जानकारी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक, डॉ. एम. महापात्रा ने दी है. आईएमडी ने कहा कि इस साल अप्रैल में देश भर में हीटवेव या गंभीर हीटवेव की स्थिति की संख्या 146 थी, जो 2010 के बाद से सबसे अधिक है, जब 404 ऐसे मामले सामने आए थे.
50 डिग्री सेल्सियस को छू सकता है पारा
दरअसल, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस वर्ष भीषण गर्मी पड़ने की चेतावनी दी है. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक इस वर्ष पारा 50 डिग्री सेल्सियस को छू सकता है. इस वक्त भारत के प्रमुख हिस्सों में भीषण गर्मी जारी है. इस बीच आईएमडी ने चेतावनी दी है कि इस वर्ष अधिकतम तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है. दरअसल, मई साल का सबसे गर्म महीना होता है. इसलिए पश्चिमी राजस्थान में पारा 50 डिग्री सेल्सियस को छू सकता है. गौरतलब है कि इस वर्ष अप्रैल देश का अब तक का चौथा सबसे गर्म महीना रहा. राजस्थान में अब तक का सबसे अधिकतम तापमान 52.6 डिग्री सेल्सियस 1956 में दर्ज किया गया था.
इन राज्यों के लिए जारी किया गया ऑरेंज अलर्ट
इसके साथ ही आईएमडी ने कहा है कि उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में 2 मई तक लू चलेगी. इस बीच हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के लिए आईएमडी शनिवार को 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया.
आज ऐसा रहेगा दिल्ली का मौसम
मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में रविवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ ही हल्की बारिश और धूल भरी आंधी के साथ 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. मौसम में आए इस बदलाव से लोगों को अस्थायी राहत मिलने की संभावना जताई गई है. दरअसल, इन क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में सोमवार से लू के थमने की उम्मीद है, जिसके 1 मई की रात से उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित करने की संभावना है.
ये भी पढ़ेंः नए सेना प्रमुख ले. जेनरल मनोज पांडेय को इन चुनौतियों का करना होगा सामना
मई में राहत के आसार
हालांकि, महापात्र ने कहा कि मई में कुछ राहत मिल सकती है, क्योंकि भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है. वरिष्ठ वैज्ञानिक आर के जेनामणि के मुताबिक राजस्थान, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में 2 मई से 4 मई के बीच हल्की बारिश और गरज के साथ बारिश हो सकती है. अधिकतम तापमान 36 डिग्री से 39 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा. आईएमडी ने पश्चिम बंगाल भारत में 30 अप्रैल से 4 मई तक उत्तर प्रदेश से पूर्वी राज्य के गंगा के हिस्सों तक हवा के रुकने के कारण बंगाल की खाड़ी से नमी के आने की भविष्यवाणी की है.
HIGHLIGHTS
- यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की उपग्रह से खुलासा
- 100 साल में सबसे गर्म रहा अप्रैल 2022
- मई में पारा 50 डिग्री छूने की है आशंका