जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व राज्यपाल और गोवा के नवनियुक्त राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को यहां कश्मीर को एक समस्याओं वाला स्थान बताया और कहा कि वह इस तटीय राज्य गोवा में अपनेक्षाकृत एक शांतिपूर्ण और आराममय कार्यकाल को लेकर उत्सुक हैं. मलिक को रविवार को बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग ने पणजी के पास स्थित राजभवन में एक औपचारिक समारोह में शपथ दिलाई. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मलिक को 25 अक्टूबर को गोवा का राज्यपाल नियुक्त किया था. उन्होंने मृदुला सिन्हा का स्थान लिया, जिनका कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो गया था.
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मलिक ने शपथ ग्रहण करने के तत्काल बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सभी मुद्दों को सफलतापूर्वक संभाला. हालांकि जम्मू-कश्मीर को उन्होंने एक समस्याओं वाला स्थान बताया. मलिक ने कहा, "मैं कश्मीर से आया हूं, जिसे एक बहुत ही समस्या वाले स्थान के रूप में जाना जाता है. मैंने वहां सभी मुद्दों को सफलतापूर्वक संभाला. अब एक शांतिपूर्ण और अच्छा स्थान है, जो प्रगति कर रहा है. यहां का नेतृत्व विवादास्पद नहीं है. वे बहुत अच्छे तरह से काम कर रहे हैं."
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गोवा के राज्यपाल के रूप में अपनी नई जिम्मेदारी के बारे में मलिक ने यह भी कहा कि वह एक अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण और आराममय कार्यकाल को लेकर उत्सुक हैं. मलिक ने कहा, "इसलिए मैं महसूस करता हूं कि मैं यहां काफी शांतिपूर्ण और आराम का समय बिताऊंगा." मलिक जम्मू एवं कश्मीर के उस समय राज्यपाल थे, जब राज्य को विशेष दर्जा मुहैया कराने वाला अनुच्छेद 370 निरस्त कर दिया गया, और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया.
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गोवा सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि मलिक स्वतंत्रता सेनानी दिवंगत राम मनोहर लोहिया की समाजवादी विचारधारा से प्रेरित होकर 1965 में राजनीति में आए थे. लोक दल की तरफ से 1980 में वह राज्यसभा के लिए पहली बार चुने गए. 1986 में वह कांग्रेस पार्टी की ओर से भी राज्यसभा के लिए चुने गए. बाद में मलिक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए और 2005 में वह लोकसभा के लिए चुने गए.