पाकिस्तान में भारतीय वायुसेना द्वारा आतंकी कैंपों पर की कार्रवाई के बाद जम्मू-कश्मीर में नेताओं के बयान को लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि राजनीतिक दलों को भड़काऊ बयानों से बचना चाहिए. राजस्थान के अजमेर में एक दिवसीय दौरे पर रविवार को राज्यपाल ने कहा कि आतंकवादियों, चरमपंथियों और राजनीतिक दलों के बीच अंतर करना चाहिए. सत्यपाल मलिक का यह बयान भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच नेताओं की बयानबाजियों को देखते हुए आया है. मलिक ने कहा कि स्थानीय नेताओं को विवादित बयानों से बचना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'राजनेताओं के भड़काऊ बयानों से घाटी का वातावरण काफी प्रभावित होता है. पिछले 4 महीनों में, एक भी युवा आतंक के रास्ते पर नहीं गया और पत्थरबाजियों में कमी आई है.'
उन्होंने कहा, 'कश्मीर के लोग काफी अच्छे हैं और विकास चाहते हैं. सिर्फ और सिर्फ बातचीत के जरिये ही शांति स्थापित किया जा सकता है.' सत्यपाल मलिक ने अजमेर में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर पहुंचे थे और एक बैंक का उद्घाटन किया.
इससे पहले भी मलिक ने घाटी में लोगों से शांति बनाए रखने व अफवाहों पर नहीं ध्यान देने का आग्रह किया था. राज्य में सुरक्षा को बढ़ाए जाने पर उन्होंने कहा था कि बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती आगामी लोकसभा चुनावों से जुड़ी है.
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राज्यपाल ने यह भी कहा था कि राज्य के बाहर रह रहे कश्मीरी लोगों की सुरक्षा के लिए भी उपाय किए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का हवाला देते हुए राज्यपाल ने कहा कि कश्मीरियों के खिलाफ कोई लड़ाई नहीं है और वे जहां कहीं भी है उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी देश की है.
Source : News Nation Bureau