दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बिजली का संकट गहरा सकता है क्योंकि बिजली संयंत्रों के पास कोयले का आरक्षित भंडार एक दिन से ज्यादा की खपत के लिए नहीं बचा है।
कोयले की कमी के लिए उन्होंने केंद्रीय कोयला मंत्री पीयूष गोयल को जिम्मेदार ठहराया। मीडिया को संबोधित करते हुए जैन ने कहा कि उन्होंने 17 मई को ही गोयल को पत्र लिखा था मगर उन्होंने जवाब नहीं दिया।
जैन ने कहा, 'एनसीआर के बिजली संयंत्रों के पास कोयला नहीं है। दादरी-1 और 2, बदरपुर और झज्जर किसी भी संयंत्र के पास कोयले का भंडार एक दिन से ज्यादा के लिए नहीं है। मानव जनित आपदा आने वाली है।'
उन्होंने कहा, 'हमारे पास हमेशा अतिरिक्त बिजली रहती थी। लेकिन आज कोई अतिरिक्त बिजली नहीं है। अगर कोई संकट उत्पन्न होता है तो अंधेरा छा जाएगा।'
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मंत्री ने कहा कि बिजली संयंत्रों के पास 14 दिनों की खपत के लिए कोयले का आरक्षित भंडार होना चाहिए।
गोयल को लिखे पत्र में जैन ने कहा, 'कोयले की कमी की वजह रेलवे के पास परिवहन के लिए वैगन की अनुपलब्धता भी है।'
जैन ने गोयल से समस्या का समधान करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने का आग्रह किया ताकि भविष्य में दोबारा ऐसी समस्या उत्पन्न न हो।
उन्होंने पत्र में लिखा- 'गर्मी बढ़ने से बिजली की मांग बढ़ गई है। कोयले का स्टॉक बहुत कम है और लोड शेडिंग या ग्रिड पर किसी प्रकार का दबाव बढ़ने की समस्या को दूर करने के लिए त्वरित कार्रवाई करने की जरूरत है।'
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Source : IANS