मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले संस्थानों पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कुकरमुत्तों की तरह देश में खुल रहें कोचिंग संस्थानों पर चिंता जताे हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से इन्हें रेगुलेट करने के लिए गाइड लाइन बनाने के आदेश दिए है।
कोर्ट ने केंद्र से कहा,' मेडिकल और इंजीनियरिग प्रवेश परीक्षाओं के कोचिंग देने वाले संस्थानों को रेगुलेट करने के लिए सरकार को गाइड लाइन बनाए। इन कोर्स में प्रवेश के लिए सिर्फ एंट्रेस एग्जाम के हासिल किये गए अंको को आधार नही बनाया जाना चाहिये। 40 फीसदी वरीयता स्कूलों के रिजल्ट को भी दिया जाना चाहिये।' हालांकि इस पर निर्णय सरकार को लेना होगा।
इसे भी पढ़ें: दिल्ली के निजी स्कूल मर्ज़ी से नहीं बढ़ा सकते फीस, लेनी होगी सरकार से इजाज़त
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्राइवेट कोचिंग को बैन तो नही किया जा सकता, लेकिन शिक्षा के व्यवसायीकरण को रोकने के लिए इन्हे रेगुलेट करने की जरूरत है। याचिका कर्ता ने निजी कोचिंग संस्थानों को रेगुलेट करने की मांग वाली की थी।
बता दें कि देश के राजस्थान के कोटा शहर को कोचिंग की मंडी कहा जाता है। यहां तकरीबन 150 से ज्यादा छोटे-बड़े संस्थान है, जिनमें मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग करने के लिए देश के कोने कोने से बच्चे आते है। इनमें करीब 1.50 लाख छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग को कोचिंग लेते हैं।
Source : Arvind Singh