बुलंदशहर गैंगरेप पर आज़म खान के विवादित बयान का मामला अब सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच अब यह तय करेगी कि क्या मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को ऐसे आपराधिक मामलों में बयान देने से रोका जा सकता है, जिनमे जांच जारी है।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया के ग़लत इस्तेमाल पर भी चिंता जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, 'लोग बिना तथ्यों की पड़ताल किए, कोर्ट की कार्यवाही के बारे में ग़लत जानकरी फैलाते है।'
बुलंदशहर गैंगरेप से जुड़ा है मामला
दरसअल यह मामला बुलंदशहर गैंगरेप मामले में आज़म खान के बयान से शरू हुआ था। आजम खान ने गैंगरेप को राजनीतिक साज़िश बताया था।
घटना की नाबालिग पीड़िता ने इसकी शिकायत सुप्रीम कोर्ट से की थी। बाद में कोर्ट ने आज़म का माफीनामा कबूल कर लिया था।
लेकिन इसके बाद कोर्ट ने बड़े पद पर बैठे लोगों की आपराधिक मामलों पर बेवजह बयानबाज़ी पर लगाम लगाने के मसले पर भी सुनवाई शुरू की थी।
आज कोर्ट ने ये मामला आगे विचार के लिये संविधान बेंच को भेज दिया था।
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Source : News Nation Bureau