सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ के पति के बैंक खातों को दोबारा खोलने से इंकार कर दिया है। इस याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
तीस्ता ने चंदा लेकर गुलबर्ग सोसाइटी में पीड़ितों परिवारों के लिए मेमोरियल बनाने की बात की थी। चंदा लेने के बाद इसमें हेरफेर के आरोप में सीतलवाड़ और उनके ट्रस्ट के बैंक फ्रीज कर दिया गया था।
तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उनके खातों को दोबारा से खोला जाए। इस दौरान कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान तीस्ता की ओर से गुजरात सरकार पर सवाल उठाए गए। तीस्ता के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि गुजरात पुलिस उन पर बेवजह दबाव बना रही है।
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सिब्बल ने कहा, 'गुजरात पुलिस जिस बड़े मियां रेस्तरां को लग्जरी बता रही है वो मुंबई में रोड साइड खाने की दुकान है'। उन्होंने दलील दी कि गुलबर्ग सोसाइटी में मेमोरियल बनाने के लिए इकट्ठा किया चंदा 4.32 लाख रुपये उनके 'सबरंग' ट्रस्ट में आया।
उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने संबरंग के साथ साथ दो निजी खातों के अलावा दूसरे एनजीओ 'सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस' का बैंक खाता भी फ्रीज कर दिया है।
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Source : News Nation Bureau