जम्मू कश्मीर में प्रदर्शनकारियों पर होने वाले पैलेट गन के इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार इसके इस्तेमाल के विकल्पों पर विचार करे। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को इसके लिए 10 अप्रैल तक का वक्त दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पैलेट गन के इस्तेमाल पर सुनवाई करते हुए कहा 'केंद सरकार किसी ऐसे विकल्प पर विचार करे जिससे किसी नागरिक को नुकसान ना पहुंचे।'
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, 'हम ये जानते हैं कि यहां बैठकर कश्मीर के हालात का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। लेकिन हम ये भी चाहते हैं कि सुरक्षा बलों या सरकारी संपत्ति को भी नुकसान ना पहुंचे।' कोर्ट ने कहा, 'सुरक्षाबल किसी को नुकसान नहीं पहुंचाने चाहते हैं लेकिन उसी वक्त उनके लिए खुद को बचाना, टीम को बचाना, और सरकारी संपत्तियों को बचाना भी होता है। इसलिए सरकार को इसके विकल्प पर विचार करना चाहिए।'
सुप्रीम कोर्ट ने दिए सुझाव
सुप्रीम कोर्ट ने पैलेट गन के कुछ विकल्प भी सरकार को सुझाए जैसे कि तेज रफ्तार पानी का इस्तेमाल, कैमिकल से मिला पानी का इस्तेमाल या फिर गंदे पानी का इस्तेमाल। सुप्रीम कोर्ट ने टेजर्स गन का सुझाव भी सरकार को दिया है।
केंद्र सरकार ने क्या कहा
वहीं केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोर्ट को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए। रोहतगी ने कहा कश्मीर में हालात बहुत खराब हैं जिसका यहां बैठकर अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। रोज हिंसा की घटना होती है जिसकी वजह से ऐसा करना पड़ता है।
आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद हुई थी हिंसा
गौरतलब है कि पिछले साल आतंकी बुरहान वानी के वहां मारे जाने के बाद बेहद उग्र प्रदर्शन हुए थे जिसके बाद सुरक्षा बलों को प्रदर्शनकारियों पर पैलेट गन का इस्तेमाल करना पड़ा था। पैलेट गन से कई लोगों के अंधे हो जाने या फिर बुरी तरह घायल हो जाने की खबरें भी आती रही हैं।
Source : News Nation Bureau