SC On MLAs Disqualification Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर से सीएम एकनाथ शिंदे के सहयोगी विधायकों से जुड़े मामले का हल निकालने को कहा. विधायको की आयोग्यता से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करें. इसके लिए समय सीमा भी तय की जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दो सप्ताह बाद मामले को लाने से पहले स्पीकर कार्यालय उन्हें उस दिन अपनी ओर से उठाए गए कदमों की देनी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अयोग्यता का मामला अनिश्चितकाल तक लंबिन नहीं रहने वाला है. उद्धव ठाकरे गुट के नेता सुनील प्रभु ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
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इस याचिका को लेकर कहा गया है कि अदालत के 11 मई के आदेश के बावजूद स्पीकर कार्यालय ने शिंदे कैंप के विधायकों की आयोग्यता पर सुनवाई को तेज नहीं किया. वहीं, शिवसेना विधायकों की आयोग्यता की याचिकाओं पर निर्णय में देरी पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'स्पीकर को सुप्रीम कोर्ट की गरिमा का सम्मान करना चाहिए.''
एकनाथ शिंदे गुट के खिलाफ लगाया आरोप
उद्धव ठाकरे गुट का आरोप है कि एकनाथ शिंदे गुट को उसकी पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न दिया गया है. जो गलत है. इसके खिलाफ याचिका दाखिल की गई है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने तीन सप्ताह बाद मामले में सुनवाई की बात कही. उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में चुनाव आयोग का निर्णय रद्द करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि विधायक दल में टूट को पार्टी की टूट कहना सही नहीं है.
आपको बता दें कि एक साल पहले उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट के बीच यह टकराहट शुरू हुई थी. एकनाथ शिंदे अपने 40 विधायकों के साथ उद्धव गुट से अलग हो गए. इसके लिए उन्होंने अपनी पार्टी बना ली. इसका नाम शिवसेना रखने का दावा किया. उनका कहना था कि असली शिव सेना उनकी पार्टी है. इस दौरान उन्हें चुनाव आयोग ने शिवसेना का तीर धनुष चिन्ह उनकी पार्टी को दे दिया.
Source : News Nation Bureau