सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वो सुनिश्चित करें कि राजधानी में कानून व्यवस्था कायम रहे और सीलिंग ड्राइव को लेकर धरना प्रदर्शन ना हो।
कोर्ट ने राज्य सरकार से ये भी पूछा कि 2006 तक के अवैध निर्माण को संरक्षण मिला है, लेकिन क्या उसके बाद के अवैध निर्माण को आप सील करने जा रहे हैं?
आज सरकार की ओर से वकील एएनएस नडकरनी ने जिरह की। सुनवाई के दौरान दिल्ली में अवैध निर्माण को रोक पाने में सरकार की नाकामी और सरकार के वकील के सन्तोषजनक जवाब न देने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी भी जाहिर की
जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा कि ऐसा लगता है कि दिल्ली के लोग आपके लिए अहम नहीं है, जो लोग गड़बड़ी कर रहे है, वो अहम है, आप दिल्ली की जनता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। आपने दिल्ली के लिए समस्या पैदा की है, अब आप हमारे लिए (कोर्ट के लिये) समस्या पैदा नही कीजिये।
जस्टिस लोकुर ने नाराजगी ज़ाहिर करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार का मकसद आम दिल्ली वालों की कीमत पर कुछ लोगों को बचाने का है। अवैध निर्माण के संरक्षण को बढ़ाते रहने के पीछे कोई वजह होनी चाहिए। आप अभी हमे कुछ भी बताने की हालत में नही है, आपके पास क्या प्लान है कैसे अमल करेंगे, हमे इसका जवाब चाहिये।
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सुनवाई के दौरान जस्टिस मदन बी लोकुर ने कई सवाल पूछे, जिनका जवाब सरकार के वकील के पास नहीं था।
जस्टिस लोकुर ने पूछा कि 2006 में ऑर्डिनस के जरिये अवैध निर्माण को संरक्षण दिया गया, इसकी मियाद 19 मई 2007 को खत्म हो गई। इसके बाद जुलाई 2007 में नया ऑर्डिनस लाया गया, मई 2007 से जुलाई 2007 के बीच के दो महीने में जब अवैध सरंक्षण के लिए ककोई कानून नही था, तब आपने क्या कार्रवाई की।
सरकार के वकील ने कहा कि ये लोकल ऑथोरिटी से पता करना होगा। जस्टिस लोकुर ने वकील से कहा कि वो इसके बारे में विस्तृत जानकारी लेकर कोर्ट को अवगत कराएं।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि 31 मार्च 2002 से 2006 के बीच क्या अवैध कॉलोनीयां बनी, अगर हां तो अवैध निर्माण को रोकने के लिए क्या एक्शन लिया गया
जस्टिस लोकुर ने ये भी कहा कि संविधान पीठ ने अपने फैसले में ये तय किया है कि आप बार बार ऑर्डिनस नहीं ला सकते लेकिन आप बार बार अस्थाई कानून लाते रहे हैं, क्या आप संसद को मूर्ख बना रहे हैं।
कोर्ट के तीखे सवालो के बीच सुनवाई के दौरान सरकार के वकील ने माना कि हम कानून के सही अमल में कई बार नाकामयाब हुए है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल भी जारी रहेगी
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Source : News Nation Bureau