सुप्रीम कोर्ट ने बेनज़ीर हिना की याचिका पर पति को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानूनी सवाल खुला रख रहे हैं पर पहले देखना है कि क्या दोनों में आपसी बात से कोई रास्ता निकल सकता है. कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने तलाक ए हसन मामले में दोनों याचिकों पर नोटिस जारी किया. कोर्ट में तलाक ए हसन मामले में पीड़िता बेनजीर हीना भी पेश हुईं. बेनजीर हिना ने कहा कि जब मुझको पहला तलाक दिया गया, उस समय 7 महीने का बच्चा था. मुझको नोटिस ऐसे आये जैसे किसी मकान में हम किराएदार हों और हमको मकान को खाली करने के लिए कह दिया गया है. मेरी जानकारी में 15 ऐसी महिला हैं जो पीड़ित हैं. अदालत नहीं आ सकतीं.
सुप्रीम कोर्ट ने बेनजीर हिना से पूछा कि क्या आप अपने पति के साथ रहना चाहती हैं. बेनजीर हिना ने कहा कि हम साथ में रहना चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मेहर की रकम भी काफी कम है. बेनजीर ने कहा कि 25 हजार का मेहर भी नहीं अदा किया है. यह तलाक देना एक तरह आए जिम्मेदारी से भागना है. शादी में दहेज नहीं लिया था लेकिन बाद में वह बोलने लगे कि तुम्हारे पापा ने यह नहीं दिया वह नहीं दिया. मैने अपनी सैलरी से चीजों का अरेंज किया.
जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि धर्म में यह व्यवस्था दी गई है. जैसे आपके पास 'खुला' है. हम यह देखेंगे कि यह बड़ा मसला है या नहीं. लेकिन आपको सहायता कैसे मिले. इसी के मद्देनजर हमने नोटिस किया है.
Source : Avneesh Chaudhary