तमिलनाडु के लोकप्रिय खेल जल्लीकट्टु पर लगी पाबंदी फिलहाल जारी रहेगी। इस मामले पर होने वाली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार तक टाल दी है। इसके चलते अब पोंगल पर इस खेल का आयोजन नहीं हो पाएगा। दक्षिण भारत के पोंगल त्योहार में तमिलनाडु में मट्टू पोंगल के दिन जल्लीकट्टू का आयोजन होता है।
इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही आदेश दे चुका था जिसमें जल्लीकट्टू पर 2014 से बैन लगा हुआ था। कोर्ट के फैसले के बाद हाल ही में केंद्र सरकार ने इस खेल को इजाज़त देने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
इस याचिका पर सुनवाई होनी थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार यानि 14 जनवरी तक टाल दिया है। यानि कि अब इस मामले पर कोर्ट 14 जनवरी के बाद ही सुनवाई करेगा जबकि पोंगल का त्यौहार 13 जनवरी शुक्रवार को ही है। ऐसे में फिलहाल इस साल भी पोंगल त्यौहार में जल्लीकट्टू का आयोजन नहीं हो पाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हालांकि जल्लीकट्टू को लेकर फैसले का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। लेकिन फिर भी शनिवार से पहले फैसला सुनाना मुमकिन नहीं है। पोंगल तमिलनाडु का परंपरागत त्यौहार है और सदियों से चलता आ रहा है। इस खेल में एक ख़ास प्रकार के बैलों को लड़वाया जाता है और उन्हें काबू किया जाता है।
इससे पहले, खेल के आयोजन के लिए एआईएडीएमके की पूर्व महासचिव शशिकला ने प्रधानमंत्री मोदी को ख़त लिख इस खेल के आयोजन को अध्यादेश जारी कर इजाज़त देने की मांग की थी। राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम भी प्रधानमंत्री से इसे इजाजत देने की मांग कर चुके हैं।
वहीं, एआईएडीएमके की महासचिव शशिकला ने भी प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख पशुओं के प्रति क्रूरता न करने के लिए आशवस्त किया था। वहीं, अभिनेता कमल हासन भी तमिलनाडु के परंपरागत खेल जल्लीकट्टू की पैरवी कर चुके हैं।
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Source : News Nation Bureau