सुप्रीम कोर्ट के जज, जस्टिस जे चेलमेश्वर आज रिटायर हो जाएंगे। चीफ जस्टिस के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस करने के बाद जस्टिस चेलमेश्वर चर्चा में आए थे। इस प्रेस कांफ्रेंस में तीन अन्य जस्टिस भी शामिल हुए थे।
जस्टिस रंजन गोगोई, एमबी लोकुर और कुरियन जोसेफ के साथ मिलकर जस्टिस चेलमेश्वर ने रोस्टर को लेकर सवाल उठाए थे। उनके इस प्रेस कांफ्रेंस के बाद न्याय जगत में खलबली मच गई थी।
जस्टिस जेलमेश्वर ने कॉलेजियम की पार्दर्शिता पर भी सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि पिछले कुछ समय ऐसी बहुत सी चीजें हुई हैं जो ठीक नहीं है। अपने कार्यकाल में इन्होंने कई अहम फैसले सुनाए और कई फैसलों के बेंच में शामिल भी रहे।
जस्टिस चेलमेश्वर के कुछ अहम फैसले
जस्टिस चेलमेश्वर नौ न्यायाधीशों की उस पीठ का हिस्सा थे जिसने ऐतिहासिक फैसले में निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित किया था।
वह जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की उस पीठ का भी हिस्सा थे जिसने उच्चतर न्यायपालिका में नियुक्ति से संबंधित राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) को निरस्त किया था। हालांकि चेलमेश्वर पीठ से अलग फैसला देने वाले एकमात्र न्यायाधीश थे।
उन्होंने कहा था, 'कॉलेजियम की कार्यवाही पूरी तरह से अस्पष्ट और जनता व इतिहास के लिए पहुंच से दूर है।'
न्यायमूर्ति चेलमेश्वर सूचना प्रौद्योगिकी कानून की विवादित धारा 66 ए को निरस्त करने वाली पीठ में भी शामिल थे। यह धारा कानून प्रवर्तन एजेंसियों को वेब पर आपत्तिजनक सामग्री डालने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार करने की शक्ति देती थी।
क्यों आए थे विवादों में
सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार प्रेस कांफ्रेंस करते हुए जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा था, 'कई चीजें पिछले कुछ महीनों में ऐसी हुई जो वांछित नहीं हैं।'
उन्होंने कहा था, 'जब तक इस संस्थान (सुप्रीम कोर्ट) को संरक्षित नहीं किया जाता और जब तक यह अपना संतुलन नहीं बना सकता, इस देश में लोकतंत्र कायम नहीं रह जाएगा। अच्छे लोकतंत्र की पहचान निष्पक्ष और स्वतंत्र न्यायाधीश होते हैं।'
न्यायमूर्ति चेलमेश्चर ने विदाई समारोह में भाग लेने के सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन का न्यौता ठुकरा दिया था। हालांकि वह परंपरा का पालन करते हुए गर्मियों की छुट्टियों से पहले अपने अंतिम कार्यदिवस 18 मई को सीजेआई मिश्रा के साथ पीठ में बैठे थे।
जीवन परिचय
आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के मोव्या मंडल के पेड्डा मुत्तेवी में 23 जून 1953 को जन्मे चेलमेश्वर की शुरुआती पढ़ाई मछलीपत्तनम के हिंदू हाईस्कूल से हुई और उन्होंने स्नातक चेन्नै के लोयोला कालेज से भौतिक विज्ञान में किया।
कानून की डिग्री 1976 में विशाखापत्तनम के आंध्र विश्वविद्यालय से ली। वह तीन मई 2007 को गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने थे और बाद में केरल सुप्रीम कोर्ट में स्थानान्तरित हुये। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर 10 अक्तूबर 2011 को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बने थे।
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Source : News Nation Bureau