SC on Freebies: मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस चुनाव से पहले सभी पार्टियों ने चुनावी वादों की झड़ी लगानी शुरू कर दी है. अब इस सुप्रीम कोर्ट मुफ्त की रेवड़ियों पर सख्त हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए शुक्रवार तक जवाब मांगा है. इस केस की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस जेबी परदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच कर रही है.
4 हफ्ते में जवाब
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में भट्टूलाल जैन की ओर से एक जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका के जरिए याचिकाकर्ता ने कहा कि दोनों राज्यों में पैसे का उपयोग करके वोट को प्रभावित किया जा रहा है. कोर्ट में दलील दी कि चुनाव से पहले पैसे बांटना बहुत ही खराब है. ये हर चुनाव से पहले किया जाता है लेकिन अंतत इसका बोझ जनता पर ही पड़ता है. इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, एमपी, राजस्थान और चुनाव आयोग से 4 हफ्ते में जवाब मांगा है.
रोक लगाने से इंकार
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई करते हुए कहा कि चुनाव से पहले हर बार वादे किए जाते हैं और हम इस पर कंट्रोल नहीं लगा सकते हैं. पीठ ने कहा कि इस तरह के केस पहले से चल रहे हैं इसलिए इस याचिका को पुराने केस में लगाया जा रहा है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप सुप्रीम कोर्ट सीधा क्यू आ गए. इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि ये दो राज्यों का मामला है और दोनों राज्यों पर भारी कर्ज है इसके बावजूद मुफ्त की रेवड़ी बांटी जा रही है. इस रेवड़ी के जरिए वोटरों को प्रभावित किया जा सकता है.
पीएम मोदी कर चुके हैं चर्चा
फ्रीबीज की चर्चा हर बार चुनाव से पहले की जाती है. पीएम मोदी इस मामले पर कई बार कह चुके हैं. पीएम मोदी ने कहा है कि इसकी वजह से देश को आर्थिक नुकसान होता है और कर्ज का बोझ बढ़ता है.
Source : News Nation Bureau