सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गोवा में पर्रिकर की सरकार बनाए जाने को चुनौती देने वाली याचिका के लेकर कांग्रेस को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संख्याबल के आधार पर सरकार बनाने के लिए न्योता देने का अधिकार राज्य़पाल के पास है। इसलिए अगर उनके पास संख्याबल है तो वो राज्यपाल के पास जाएं।
मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च को गोवा में बहुमत परीक्षण कराने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल से इससे पहले सभी प्रक्रिया पूरी करने को कहा।
आखिर में कोर्ट ने उनकी इस मांग को भी खारिज़ कर दिया कि पर्रिकर को शपथ न दिलाई जाए। गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर पर्रिकर मंगलवार शाम ही शपथ लेने वाले हैं।
इससे पहले कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि बड़े दल होने के नाते गोवा में सरकार बनाने के लिए पहले उन्हें मौका मिलना चाहिए था। राज्यपाल को सबसे पहले बड़ी पार्टी से चर्चा करनी चाहिए थी, न की बीजेपी से।
Goa govt-formation tussle: Supreme Court directs that floor test be held today in Goa.
— ANI (@ANI_news) March 14, 2017
जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी से पूछा कि अगर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है तो याचिका में क्यों नहीं बताया गया कि उसके समर्थन में कितने विधायक हैं। क्या उनके पास 17 विधायकों के अलावा कोई और है क्या? अगर है तो कौन है?
Goa govt formation tussle: While hearing Congress' petition Supreme Court asks Congress where are the numbers?
— ANI (@ANI_news) March 14, 2017
कोर्ट ने कहा - जब मनोहर पर्रिकर ने दूसरे दलों के समर्थन का दावा किया तो आप लोगों ने गवर्नर के सामने इसका खंडन क्यों नहीं किया और आपने उन विधायकों का समर्थन होने का दावा क्यों नहीं दिया।
Goa govt formation tussle: During hearing of Congress' petition in SC, they are alleging that BJP is involved in horse trading
— ANI (@ANI_news) March 14, 2017
बता दें कि कांग्रेस ने बीजेपी पर सरकार बनाने कि लिए हॉर्स ट्रेडिंग करने का भी आरोप लगाया था। 40 विधानसभा सीटों वाले गोवा प्रदेश में इस चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा 17 सीटें मिली थी जबकि बीजेपी का सिर्फ 13 सीटों पर जीत मिली थी।
गौरतलब है कि रविवार को मनोहर पर्रिकर ने 21 विधायकों के समर्थन वाला एक पत्र राज्यपाल को सौंपा था। कांग्रेस ने गोवा की राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए।
बीजेपी नेत और पूर्व रक्षा मंत्री जब राज्यपाल से मिलने गए थे तो उन्होंने कहा कि उनके पास कुल 21 विधायकों का समर्थन है। जिनमें से 3 MGP, 3 गोवा फॉरवर्ड और दो निर्दलीय विधायक गोविन्द गावड़े और प्रसाद गांवकर शामिल हैं। जिसके बाद राज्यपाल ने उन्हें मंगलवार शाम मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए बुलाया था।
#Update Goa govt-formation tussle: Supreme Court said the floor test will be on March 16, refused to stay swearing in of Manohar Parrikar pic.twitter.com/VVLUopzVcc
— ANI (@ANI_news) March 14, 2017