भारत में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को स्वास्थ और शिक्षा जैसी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया है।
याचिकाकर्ता की तरफ से प्रशांत भूषण ने सुनवाई के दौरान कहा था कि रोहिंग्या शरणार्थियों को देश में स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा की सुविधा नहीं दी जा रही है।
इसके जवाब में कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि, देश में किसी को भी स्वास्थ्य सेवा से वंचित नहीं रखा गया है और क्या अस्पताल जाने पर उनसे यह पूछा जाता है कि आप इस देश के नागरिक हैं या नहीं। इस मामले में केंद्र सरकार ने पहले ही अपना हलफनामा दायर कर दिया था।
केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि इस मामले को राजनयिक तरीके से हल करने के लिए छोड़ देना चाहिए। केंद्र ने यह भी बताया कि इसके लिए म्यांमार और बांग्लादेश से बातचीत हो रही है।
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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी कहा है कि वो सरकार को रोहिंग्या मुसलमानों को भारत आने दिया जाए इसके लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।
केंद्र ने साफ कर दिया है कि जिसके पास सही यात्रा दस्तावेज होंगे उन्हें ही सिर्फ आने दिया जाएगा क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया गया तो यह राष्ट्रहित के खिलाफ होगा।
गौरतलब है कि रोहिंग्या मामले की लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस मामले की अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी।
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Source : News Nation Bureau