भारत बंद: हिंसक हुआ प्रदर्शन, बाड़मेर-भिंड-मुरैना में हिंसा, इन राज्यों में भी असर

सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST अधिनियम का दुरुपयोग रोकने के लिए इस एक्ट के तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।

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Deepak Kumar
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भारत बंद: हिंसक हुआ प्रदर्शन, बाड़मेर-भिंड-मुरैना में हिंसा, इन राज्यों में भी असर

बाड़मेर में हिंसा

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SC/ST ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कई दलित संगठनों ने पूरे देश में बंद का आह्वान किया है।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति) अधिनियम का दुरुपयोग रोकने के लिए इस एक्ट के तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।

जिसको देखते हुए आज भारत बंद का ऐलान किया गया है। इस बंद का असर राजस्थान, बिहार, पंजाब समेत कई राज्यों में देखने को मिल रहा है।

वहीं केंद्र सरकार आज फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दायर करेगी।

राजस्तान के बाड़मेर में हिंसा

बाड़मेर में प्रदर्शन के दौरान दलित संगठनों और करणी सेना के बीच झड़प हो गई, जिसमें 25 लोग जख्मी हो गए। हालात इतने ख़राब हो गए थे कि बाद में भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

हालांकि यहां करणी सेना बंद के समर्थन में उतरी थी, लेकिन दलित संगठनों ने उनका विरोध किया। उधर, भरतपुर में महिलाएं हाथों में लाठियां लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करने उतरीं।

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बिहार में यातायात पर प्रतिकूल असर

भारत बंद का बिहार में भी असर देखा जा रहा है। इस बंद के कारण आवागमन पर प्रतिकूल असर देखा जा रहा है, जबकि राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

विभिन्न राजनीतिक दलों और दलित संगठनों के कार्यकर्ता सोमवार को बुलाए गए इस बंद को सफल करने के लिए सुबह से ही सड़कों पर उतर गए और सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। बंद के कारण जगह-जगह रेल व सड़क यातायात प्रभावित हैं। अनुसूचित जाति-जनजाति संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने पटना व हाजीपुर के बीच 'महात्मा गांधी सेतु' को जाम कर दिया। इस बंद को राजद, सपा, कांग्रेस, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, भाकपा (माले) और शरद यादव का समर्थन मिला है।

जहानाबाद, दरभंगा, आरा, अररिया, सहरसा, मधुबनी जिलों में बंद समर्थक रेल पटरियों पर बैठ गए, जिससे रेलों के परिचालन पर भी प्रभाव देखा जा रहा है। बंद समर्थकों ने कई ट्रेनें राक दी और हंगामा किया। इसके अलावा पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, औरंगाबाद, मुजफ्फरपुर सहित विभिन्न जिलों में लोग सड़क जामकर सड़कों पर आगजनी की, जिससे वाहनों की लंबी कतार लग गई।

वैशाली जिले में ही एक निजी कोचिंग संस्थान पर बंद समर्थकों ने हमला किया, जिसके विरोध में छात्र उनसे उलझ गए। दोनों तरफ से जमकर उत्पात हुआ। घटना में दर्जनों छात्र घायल बताए जा रहे हैं।

इधर, राजधानी पटना में जन अधिकार पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता सांसद पप्पू यादव के नेतृत्व में सड़कों पर उतरे, जबकि भीम सेना के कार्यकर्ता जुलूस निकालकर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का विरोध किया।

बंद को देखते हुए विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। राजधानी के चौक-चौराहों पर पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति की गई है। बिहार के पुलिस महानिदेशक क़े एस़ द्विवेदी ने कहा कि सांकेतिक प्रदर्शनों के दौरान भी पर्याप्त पुलिस बल तैनाती सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है।

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पंजाब में हाई अलर्ट

अनुसूचित जाति/जनजाति (एससी/एसटी) अत्याचार रोकथाम अधिनियम को कमजोर करने को लेकर आपत्ति जताते हुए कुछ अनुसूचित जाति संगठनों के विरोध प्रदर्शन के आह्वान के मद्देनजर सोमवार को पंजाब में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया और सैकड़ों पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया गया है।

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सोमवार सुबह अमृतसर जिले में एक ट्रेन को रोकने की कोशिश की, लेकिन रेलवे अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद उन्होंने ट्रेन को जाने दिया।

राज्य में दुकानें, शैक्षिक संस्थान व अन्य प्रतिष्ठान बंद हैं।

पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड की 10वीं व 12वीं कक्षाओं की अंतिम प्रेक्टिकल परीक्षा सोमवार को होनी निर्धारित थी, लेकिन अब इसे 11 अप्रैल को आयोजित किया जाएगा।

विभिन्न दलित संगठनों द्वारा पूरे भारत में विरोध प्रदर्शन के आह्वान के बाद विभिन्न दलित संगठन अधिनियम को कमजोर करने के लिए खिलाफ जिलों में अधिकारियों को ज्ञापन सौंपेंगे।

पंजाब में सभी राज्यों की तुलना में सबसे अधिक दलित आबादी है। राज्य की 2.8 करोड़ आबादी में 32 फीसदी दलित हैं।

मध्यप्रदेश में हिंसक हुई भीड़

मध्यप्रदेश के मुरैना और भिंड में  काफी तोड़फोड़ की गई है। जहां एक तरफ मुरैना में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को बंद कर दिया और रेलवे के सामान में आग लगा दी वहीं भिंड में भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। 

हरियाणा में भी प्रदर्शन

हरियाणा में भी कई दलित समुदाय फ़ैसेल के ख़िलाफ़ सड़क पर उतर आये हैं। गुड़गांव में कन्हई गांव के लोगों ने आरडी सिटी गेट नंबर -2 के सामने जाम लगाकर प्रदर्शन किया। वहीं फरीदाबाद में देशव्यापी बंद को लेकर एनआईटी 5 पर रास्ता बंद कर प्रदर्शन किया जा रहा है।

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Source : News Nation Bureau

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