एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ शनिवार को चेन्नई में प्रदर्शनकारियों ने रेल-रोको आंदोलन के जरिए विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियां जमीनी स्तर पर इस मुद्दे पर एक साथ आ गई हैं। हम एससी/एसटी अधिनियम को कमजोर करने के खिलाफ हर विचार के सख्ती से खिलाफ हैं।
इससे पहले द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर 16 अप्रैल को विरोध प्रदर्शन किया था।
स्टालिन ने केंद्र सरकार से सर्वोच्च न्यायालय में अपील दर्ज करने तथा इस अधिनियम को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की भी मांग की।
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गौरतलब है कि 20 मार्च को SC/ST एक्ट मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है। जिस कारण इसके तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए अग्रिम जमानत की भी मंजूरी देने की बात की है।
जिसके बाद 2 अप्रैल को दलित संगठनों की ओर से भारत बंद का आह्वान किया गया था। इस घटना में 8 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए थे।
हालांकि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर कर दी है।
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Source : News Nation Bureau