देश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति ( एससी/एसटी) और आदिवासियों के खिलाफ बढ़ते अत्याचार से जुड़े मामलों पर केंद्र सरकार ने न सिर्फ चिंता जताई, बल्कि राज्यों से कहा कि ऐसे मामले सामने आने पर राज्य सरकारें तुरंत संज्ञान लें, और उनपर तत्काल कार्रवाई भी की जाए।
केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने दलितों और आदिवासियों के नागरिक अधिकारों के संरक्षण से जुड़ी समिति की 24वीं बैठक में यह बात कही।
बैठक में केंद्रीय मंत्री गहलोत ने कई राज्यों में दलितों व आदिवासियों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों पर अपनी गहरी चिंता जताई। जिन राज्यों में ऐसे मामलों की तादाद बढ़ी हैं, उनसे कहा कि वह अपने यहां इससे निपटने के लिए एक प्रभावशाली तरीका अपनाएं।
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केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को हिदायत दी कि वे अपने यहां ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए विशेष कोर्ट बनाएं और प्राथमिकता के आधार पर सरकारी वकीलों की उपलब्धता कराई जाए।
केंद्र सरकार ने कहा, दलितों और आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार कानून पर अमल किया जाए। इसकी समीक्षा के लिए राज्य और जिले स्तर पर निगरानी के लिए नियमित तौर पर समितियों की बैठक भी आयोजित होनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री गहलोत ने कहा, 'विशेष न्यायालयों की स्थापना सभी राज्यों की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।'
भारत में मादक पदार्थों के सेवन की सीमा और पैटर्न पर राष्ट्रीय सर्वेक्षण की बैठक में गहलोत ने सभी राज्यों से यह बात कही।
मंत्रालय ने अगस्त 2016 में एम्स के राष्ट्रीय औषधि निर्भरता उपचार केंद्र के साथ मिलकर भारत में मादक पदार्थों के सेवन की सीमा और पैटर्न पर राष्ट्रीय सर्वेक्षण कराया था। इसकी रिपोर्ट मार्च 2018 तक आने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ सालों में देश में दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामले बढ़े हैं।
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Source : News Nation Bureau