आधार कार्ड को पैन (स्थायी खात संख्या) से जोड़े जाने के सरकार के फैसले के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। नया पैन बनाने और आयकर रिटर्न फाइल किए जाने के लिए सरकार ने पैन कार्ड और आधार कार्ड को जोड़े जाने का प्रस्ताव रखा है।
इससे पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को स्पष्ट किया था कि सभी पैन 1 जुलाई से अवैध हो जाएंगे। कोर्ट ने इस अधिसूचना के बारे में सरकार से सफाई मांगी है।
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बुधवार को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उसका फैसला कर चोरी और काले धन को रोकने के लिए था। जस्टिस ए के सीकरी और अशोक भूषण के सामने सरकार का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा था कि सरकार इस फैसले की मदद से फर्जी पैन को खत्म करना चाहती है, जिसकी मदद से शेल कंपनियों को फंड भेजा जाता है।
हालांकि सरकार के इस फैसले के खिलाफ तीन याचिका दायर की गई है। पहली याचिका कम्युनिस्ट पार्टी के बिनॉय विश्वम, दलित अधिकारों के लिए लड़ने वाले कार्यकर्ता बेजवाड़ा विल्सन और रिटायर्ड आर्मी अधिकारी एस जी वोमबाटकेरे ने दायर कर रखा है।
इससे पहले अगस्त 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कर दिया था कि आधार कार्ड को सरकारी योजनाओं के लिए अनिवार्य नहीं बनाया जाएगा।
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HIGHLIGHTS
- आधार को पैन कार्ड से जोड़े जाने के खिलाफ याचिका पर आज सुनवाई करेगा SC
- सरकार का कहना है कि इस प्रस्ताव की मदद से काला धन और कर चोरी को रोकने में मदद मिलेगी
Source : News Nation Bureau