Gyanvapi Case: सुप्रीम कोर्ट कल यानी 23 जुलाई को काशी स्थित ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में मौजूद देवी देवताओं की सेवा पूजा-अर्चना मामले में सुनवाई करेगा. SC की मंगलवार को होने जा रही ये सुनवाई अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी द्वारा दायर उस याचिका पर हो रही है, जिसमें कमेटी ने वाराणसी अदालत के हिंदू पक्षों को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में प्रार्थना और पूजा करने की अनुमति देने के फैसले का विरोध करते हुए, SC से सुनवाई की गुहार लगाई थी.
मालूम हो कि, देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे.बी.पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्र की पीठ इस मामले पर सुनवाई करेगी.
गौरतलब है कि, अप्रैल में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने ज्ञानवापी के दक्षिणी तहखाने में हिंदू प्रार्थनाओं के आयोजन के संबंध में 31 जनवरी के जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने से कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था. सर्वोच्च अदालत का कहना था कि, दोनों समुदायों को धार्मिक पूजा करने की अनुमति देने के लिए विवादित स्थल पर यथास्थिति बनाए रखना उचित होगा.
क्या है विवाद?
दरअसल काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े विवाद को समझने के लिए हमें हिंदू और मुस्लिम पक्ष को जानना होगा..
हिंदू पक्ष- मुगल शासक औरंगजेब ने 1669 में काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण किया था. तबसे लेकर अबतक इसे दोबारा बनाने के लिए लड़ाई जारी है.
मुस्लिम पक्ष- विवादित स्थान पर कभी मंदिर था ही नहीं, शुरुआत से ही मस्जिद बनी थी.
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Source : News Nation Bureau