राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आगाह किया कि यदि रोजगार पैदा करने के लिये कदम न उठाए गए तो स्थिति खराब हो सकती है।
शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों के सम्मेलन में उन्होंने कहा कि पिछले सात सालों में जॉब क्रिएशन में कमी दर्ज़ की गई है। उन्होंने शिक्षण संस्थानों में हुए छात्र आंदोलनों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों को ऐसा बनाना चाहिये ताकि छात्रों को शिक्षा का अच्छा माहौल मिल सके।
उन्होंने कहा कि संस्थानों को ऐसा होना चाहिये जिससे 'ब्रेन ड्रेन' की जगह 'ब्रेन रेन' हो।
'भारत में काफी हुनर है। हामारे देश में युवाओं की संख्या ज्यादा है। अगर देश में रोजगार हों तो लोगों में स्थिरता होगी। लेकिन इससे उलट स्थिति में सबकुछ गड़बड़ हो सकता है।'
उन्होंने कहा कि मशीनों के कारण कर्मचारियों की संख्या की ज्यादा ज़रूरत नहीं है लेकिन इसके लिये बदलाव की ज़रूरत है।
Source : News Nation Bureau