बीते दो दिनों से कोरोना (Corona Virus) संक्रमण के नए मामले 50 हजार के आसपास आ रहे हैं. आईएमए जैसी कुछ संस्थाएं इस हर्ड कम्युनिटी स्प्रेड (Community Spread) की संज्ञा दे रही हैं. यह अलग बात है कि केंद्र सरकार (Modi Government) अभी भी इसे स्वीकारने से बच रही है. हालांकि नए मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्र ने ऐन मौके एक अगस्त से स्कूल-कॉलेज (School-College) और मेट्रो सेवा (Metro) शुरू करने का इरादा त्याग दिया है. सरकार नहीं चाहती है कि कोरोना संक्रमण की स्थिति सिर्फ इस एक वजह से विस्फोटक हो जाए.
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अंतिम क्षण बदला इरादा
गौरतलब है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूरे देश में मार्च में लॉकडाउन लगाया गया था. फिर उसे अलग-अलग चरणों में बढ़ाया जाता रहा. इस तरह लॉकडाउन के चार फेज के बाद अनलॉक की प्रकिया शुरू हुई. अब एक अगस्त से देश अनलॉक-3 में प्रवेश कर रह है. इसको लेकर सरकार के स्तर पर बातचीत जारी है. इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि अनलॉक-3 में स्कूलों को खोलने की इजाज़त मिल सकती है, लेकिन केंद्र सरकार ने अंतिम क्षण में अपना इरादा बदल लिया है.
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कुछ और सेवाओं पर रहेगा प्रतिबंध
नाम नहीं उजागर होने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि स्कूल के अलावा मेट्रो सेवा को भी अभी शुरू करने की इजाज़त नहीं मिल सकती है. साथ ही साथ जिम और स्विमिंग पुल के मालिकों को भी अभी इंतजार करना पड़ सकता है. 68 दिनों तक चलने वाले लॉकडाउन 31 मई को खत्म हुआ था. इसके बाद देश में जून और जुलाई में अनलॉक-1 और अनलॉक-2 की अधिसूचना जारी की गई. लॉकडाउन में ठप हो चुकी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अनलॉक के दोनों चरणों में कई सेवाओं पर से बंदिशें हटाई गईं.
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अभिभावकों की राय पर बदला फैसला
बीते सोमवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राज्यों से स्कूलों को खलने के लिए मशविरा किया. स्कूली शिक्षा की सचिव अनित कारवाल ने राज्यों के शिक्षा सचिव के साथ बैठक की. इस दौरान उनसे छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ-साथ स्कूलों में सफाई व्यवस्था के मुद्दे पर बातचीत हुई थी. हालांकि जून में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा था कि स्कूलों को फिर से खोलने के लिए बच्चों के अभिभावकों से उनकी राय मांगी जाएगी, जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा. पता चला है कि अधिकांश अभिभावक अभी भी स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं हैं.