विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का चीन की यात्रा पर होंगी। इस दौरान वो शांघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइज़ेशन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगी।
इसके अलावा वो चीनी के विदेश मंत्री वांग यी से द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगी।
सुषमा स्वराज 21 अप्रैल को चीन पहुंचेंगी और 22 अप्रैल को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात करेंगी। 24 अप्रैल को एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगी।
वांग के स्टेट काउंसिलर के तौर पर प्रमोट किये जाने के बाद ये दोनों की पहली मुलाकात होगी। इस प्रमोशन के बाद वांग चीन के चीन के टॉप राजनयिक बन गए हैं। वो स्टेट काउंसिलर और विदेश मंत्री दोनों का पद संभालेंगे।
चीन की यात्रा के बाद सुषमा स्वराज मंगोलिया की यात्रा पर जाएंगे।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण दोनों ही लगभग एक ही समय चीन की यात्रा करेंगी। सीतारमण एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगी।
एससीओ की बैठकें जून में होने वाली 8 सदस्यीय ग्रुप की बैठक के पहले एजेंडा तय करेंगी। भारत और पाकिस्तान हाल ही में इस ग्रुप के सदस्य बने हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जून में एससीओ सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
24 अप्रैल को पाकिस्तान के विदेशमंत्री और रक्षामंत्री एससीओ सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
एससीओ में चीन, कज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज़बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान सदस्य देश हैं।
सुषमा स्वराज और सीतारमण की चीन यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब डोकलाम में हुए सैन्य गतिरोध के बाद दोनों देश तनाव और अविश्वास को कम करने के लिये उच्चस्तरीय बातचीत कर रहे हैं।
13 अप्रैल को संबंधों को बेहतर करने के लिये भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित दोवाल चीन के विदेश मामलों के कमीशन के निदेशक और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के सदस्य यांग जेइची से शांघाई में मुलाकात की थी।
दोनों पक्षों ने 11वी संयुक्त आर्थिक ग्रप की बैठक और पांचवी रणनीतिक आर्थिक वार्ता की थी। इसके अलावा दोनों देशों ने सीमा मामलों और नदियों को लेकर भी चर्चा की थी।
चीन के विदेश विभाग ने कहा है कि दोनों देशों के बीच इस साल बेहतर तालमेल और सहयोग दिखाई दे रहा है।
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Source : News Nation Bureau