Chandrayaan-2 ने सफलतापूर्वक बदली अपनी कक्षा, अब पृथ्वी से पहुंचा इतनी दूर

भारत का दूसरा मून मिशन 'चंद्रयान-2' पृथ्वी की कक्षा में आगे बढ़ना शुरू हो गया है और अब उसने दूसरी कक्षा में प्रवेश कर लिया है.

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Dalchand Kumar
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Chandrayaan-2 ने सफलतापूर्वक बदली अपनी कक्षा, अब पृथ्वी से पहुंचा इतनी दूर

फाइल फोटो

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भारत का दूसरा मून मिशन 'चंद्रयान-2' चंद्रमा के और नजदीक पहुंच गया है. अब उसने दूसरी कक्षा में प्रवेश कर लिया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने 25 और 26 जुलाई की रात 1.08 बजे चंद्रयान-2 की कक्षा में सफलतापूर्वक बदलाव किया है. अब इसकी पेरिजी (पृथ्वी से कम दूरी) 251 किमी और एपोजी (पृथ्वी से ज्यादा दूरी) 54,829 किमी कर दी गई है. दूसरी कक्षा में 883 सेकेंड की फायरिंग अवधि के लिए ऑनबोर्ड प्रणोदन प्रणाली का उपयोग किया गया है.

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22 जुलाई को लॉन्च किए गए चंद्रयान-2 को पहले पेरिजी 170 किमी और एपोजी 45,475 किमी पर स्थापित किया गया था. इसके बाद पहली बार 24 जुलाई को दोपहर 2.52 बजे चंद्रयान-2 की कक्षा में सफलतापूर्वक बदलाव किया गया था. इस वक्त इसकी पेरिजी 230 किमी और एपोजी 45,163 किमी की गई थी. इसरो के मुताबिक, सभी अंतरिक्ष यान पैरामीटर सामान्य हैं. अब तीसरी कक्षा में बदलाव 29 जुलाई को दोपहर 2.30-3.30 बजे के बीच निर्धारित किया गया है.

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चंद्रमा अंतरिक्ष यान चंद्रयान-2 ने पृथ्वी की कक्षा में 22 जुलाई को प्रवेश किया था. इसके बाद यान 20 अगस्त तक चंद्रमा पर पहुंच जाएगा. चंद्रयान-2 चांद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने के लिए 48 दिन की यात्रा करेगा. चंद्रयान-2 ले जाने वाले जीएसएलवी एमके-3 को पहले 15 जुलाई को उड़ान भरनी थी. मगर एक गंभीर तकनीकी गड़बड़ी के कारण उड़ान को 22 जुलाई तक स्थगित कर दिया गया था. जिसके बाद मिशन के कार्यक्रम में भी बदलाव किए गए. 15 जुलाई के उड़ान कार्यक्रम के अनुसार चंद्रयान-2 की पृथ्वी चरण की सीमा 17 दिन थी और नए कार्यक्रम के अनुसार यह 23 दिन है. पहले जहां विक्रम को प्रक्षेपित होने के 54 दिन बाद चंद्रमा पर उतारने की योजना बनाई गई थी, वहीं अब इसकी लैंडिंग 48 दिनों में ही हो जाएगी.

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इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-2 मिशन में पृथ्वी के चक्कर लगाने के अलावा कई अलग-अलग गतिविधियां शामिल हैं. इसके तहत 14 अगस्त को अंतरिक्ष यान को चंद्रमा के लिए भेजा जाएगा, जोकि 20 अगस्त तक वहां पहुंच जाएगा. इसके बाद 31 अगस्त तक वह चांद के चारों ओर चक्कर लगाएगा और फिर 1 सितंबर को विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा. 5 दिन की यात्रा के बाद लैंडर विक्रम 6 सितंबर को चंद्रमा पर उतरेगा.

यह वीडियो देखें- 

isro Chandryaan 2 chandrayaan 2 launch Chandryaan 2 orbit chandrayaan 2 details
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