मणिपुर विधानसभा चुनाव के दूसरे व अंतिम चरण में बुधवार को 22 निर्वाचन क्षेत्रों में होने वाले मतदान में सभी की नजरें थौबल निर्वाचन क्षेत्र में मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह और मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला के बीच मुकाबले पर टिकी हुई हैं।
इरोम ने सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम, 1958 के खिलाफ बीते साल अपने 16 साल लंबे अनशन को तोड़कर अब इस कानून को निरस्त करने के लिए राजनीति में प्रवेश किया है। उन्होंने कानून को संवैधानिक तरीके से खत्म करने का वादा किया है।
हालांकि शर्मिला की पीपुल्स रिसर्जेसेंजेंस एंड जस्टिस एलाइंस (प्रजा) पार्टी 60 में से सिर्फ 3 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ रही है। फिर भी 'आयरन लेडी' इरोम शर्मिला मुख्यमंत्री बनने का दावा कर रही हैं।
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शर्मिला वोट के लिए हर दरवाजे पर जा रही हैं, लेकिन उनके विरोधियों का कहना है कि थौबल से मानवाधिकार कार्यकर्ता के लिए विधानसभा पहुंचना एक कठिन चुनौती होगी। बहुत से लोगों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार लेतंथेम बसंता सिंह इबोबी के मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं।
इससे पहले चुनावों में मुख्यमंत्री इबोबी 10,000 वोटों से चुनाव जीते थे। वह इस बार भी मतदाताओं को लुभाने का कोई प्रयास नहीं छोड़ रहे हैं।
बुधवार को होने वाले 22 सीटों में थौबुल जिले और पहाड़ी जिलों उखरुल, चंदेल, तामंगलगां और सेनापति शामिल हैं। इस चरण में कुल मतदाताओं की संख्या 7,59,369 हैं जो 1,151 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।
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HIGHLIGHTS
- मणिपुर विधानसभा चुनाव के दूसरे व अंतिम चरण में 22 सीटों पर होंगे चुनाव
- इस चरण में कुल मतदाताओं की संख्या 7,59,369 हैं जो 1,151 मतदान केंद्रों पर ताधिकार का इस्तेमाल करेंगे
Source : News State Buraeu