भारतीय नौसेना के युद्धाभ्यास ‘मालाबार’ (Malabar Exercise) का दूसरा चरण (Second Phase) आज से उत्तरी अरब सागर में शुरू होगा. इस युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना का विक्रमादित्य विमानवाहक पोत, अमेरिकी विमान वाहक पोत निमित्ज और ऑस्ट्रेलिया एवं जापान की नौसेना की अग्रिम मोर्चो पर तैनात पोत चार दिन तक सघन युद्धाभ्यास करेंगे. यह युद्धाभ्यास ऐसे समय हो रहा है जब भारत का पिछले छह महीने से चीन के साथ विवाद चल रहा है. अधिकारियों ने बताया कि इस युद्धाभ्यास के दौरान ‘क्वाड’ समूह के देशों की नौसेनाओं द्वारा मिलकर कार्य करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए समन्वित अभियान का अभ्यास किया जाएगा.
रणनीतिक रूप से काफी अहम
इस युद्धाभ्यास को रणनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है. मालाबार युद्धाभ्यास का दूसरा चरण उत्तरी अरब सागर में 17 से 20 नवंबर के बीच होगा. इससे पहले मालाबार युद्धाभ्यास का पहला चरण तीन से छह नवंबर के बीच बंगाल की खाड़ी में संपन्न हुआ और इस दौरान पनडुब्बी युद्ध और समुद्र से हवा में मार करने की क्षमता का अभ्यास किया गया. यह युद्धाभ्यास इसलिए भी अहम है कि भारत के अलावा अमेरिकी नौसेना भी इसमें शामिल हो रही है. भारत और अमेरिका के साझा युद्धाभ्यास से चीन सशंकित नजर आ रहा है.
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दुनिया का सबसे बड़ा युद्धपोत
गौरतलब है कि इस युद्धाभ्यास में दुनिया का सबसे बड़ा युद्धपोत यूएसएस निमित्ज भी शामिल हो रहा है. परमाणु ऊर्जा से चलने वाले इस युद्धपोत में विशाल नौसेना बेड़ा है जिसमें विमान वाहक पोत के साथ-साथ बड़ी संख्या में डेस्ट्रॉयर, फ्रिगेट और अन्य पोत शामिल हैं. वहीं भारतीय नौसेना ने बताया कि युद्धाभ्यास में ‘क्रॉस डेक फ्लाइंग ऑपरेशन और विक्रमादित्य पर तैनात मिग-29 के और निमित्ज पर तैनात एफ-18 लड़ाकू विमान और ई2सी हॉकआई के जरिये हवाई रक्षा का अभ्यास किया जाएगा. इसके अलावा पनडुब्बी युद्ध का भी अभ्यास किया जाएगा. भारत की ओर से इस युद्धाभ्यास में शामिल हो रहे आईएनएस विक्रमादित्य के अलावा हवाई इकाई के हेलीकॉप्टर, डेस्ट्रॉयर कोलकाता और चेन्नई, स्टील्थ फ्रिगेट तलवार और सहायक पोत दीपक भी इस युद्धाभ्यास में भारत की ओर से शामिल होंगे. भारतीय दल का नेतृत्व रियर एडमिरल और पश्चिमी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कृष्ण स्वामीनाथन करेंगे.
Source : News Nation Bureau