भारत में पहले की अपेक्षा कोरोना मामलों में काफी कमी आई है, लेकिन अभी तक देश पूरी तरह से कोरोना से निपट नहीं पाया है. कोरोना के खिलाफ जंग अभी जारी है. अभी हाल ही में केरल में कोरोना के कई नए मामले सामने आये हैं. इसी के साथ देश के कई अन्य राज्यों व जिलों में अभी भी कोरोना का कहर बरप रहा है. कोरोना के प्रसार को दर्शाने वाले रिप्रोडक्टिव रेट आठ राज्यों में एक से अधिक हैं. कुछ समय पहले यह दर 0.6 पर पहुंच गई थी और पिछले महीने 0.8 हुई और अब बढ़कर 1.2 हो गई है. तीन राज्यों में यह दर और भी ज्यादा है. इसकी वजह लोगों की लापरवाही है अथवा कुछ और? यह कह पाना तो मुश्किल है, लेकिन डॉक्टर अभी भी लोगों को सतर्क व सावधान रहने और लापरवाही न बरतने की सलाह दे रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल एवं नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने मंगलवार को साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में आर नंबर सबसे ज्यादा 1.4 है जबकि लक्षद्वीप में 1.3 है. महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, हरियाणा, गोवा, झारखंड, नगालैंड में यह 1 तथा केरल में और पुडुचेरी में 1.1 है.
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अभी कायम है कोरोना की दूसरी लहर
संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि वैश्विक महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और इससे इससे बचने के लिए लगातार प्रयास चल रहे हैं. लोगों को व्यक्तिगत स्तर पर भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जहां तक भारत की बात है तो दूसरी लहर अब भी खत्म नहीं हुई है. दुनियाभर से कोविड-19 के दैनिक नये मामले अब भी बहुत ज्यादा हैं, जहां संक्रमण के हर दिन 47 लाख से अधिक मामले सामने आ रहे हैं. एक प्रश्न के उत्तर में नीति आयोग के सदस्य डॉ. पॉल ने कहा कि जॉनसन एंड जॉनसन ने कोरोना टीके के क्लीनिकल ट्रायल के लिए आवेदन किया था, लेकिन ड्रग कंट्रोलर की तरफ से उन्हें बताया गया कि उनका टीका अमेरिका में स्वीकृत है इसलिए उसे ट्रायल की जरूरत नहीं है तो उसने इसे वापस ले लिया. बच्चों को टीके के बारे में उन्होंने कहा कि जब वैक्सीन उपलब्ध होगी, उसके बाद टीकाकरण की रणनीति पर विचार किया जाएगा.
इन 8 राज्यों के 18 जिलों में चिंताजनक आंकड़े
संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर और अरुणांचल प्रदेश समेत छह राज्यों के 18 जिलों में पिछले चार हफ्तों में कोविड के नये दैनिक मामले बढ़ते दिख रहे हैं. यह चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते, कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में से 49.85 प्रतिशत मामले केरल से सामने आए. सरकार ने कहा कि 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 44 जिलों में 2 अगस्त को समाप्त हो रहे हफ्ते में कोरोना वायरस की साप्ताहिक संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक है.
रिप्रोडक्टिव नंबर या आर वैल्यू (R value) क्या है?
किसी भी बीमारी का रिप्रोडक्टिव नंबर या आर वैल्यू यह बताता है कि कोई बीमारी कितनी संक्रामक है, यानी एक मामले से कितने और मामले फैल सकते हैं, इसकी संख्या को दर्शाता है. यदि यह एक से नीचे होता है तो यह माना जाता है कि रोग नियंत्रण में है. एक से अधिक होने पर रोग के तेज प्रसार का संकेत मिलता है. इसी के आधार पर यह कहा जा रहा है कि अभी कोरोना की दूसरी लहर खत्म नहीं हुई है, क्योंकि अभी भी कई राज्यों में आर वैल्यू 1 से ज्यादा है.
पिछले माह औसतन 43.41 लाख टीकाकरण
संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कोरोना टीकाकरण के बारे में बताते हुए कहा कि 37.26 करोड़ लोगों को टीके की पहली खुराक व 10.59 करोड़ लोगों को टीके की दोनों खुराक लगाई जा चुकी है. उन्होंने कहा कि सात राज्यों में तीन करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं. इनमें उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 4.88 करोड़, महाराष्ट्र में 4.50, गुजरात में 3.40, राजस्थान में 3.33, मध्य प्रदेश में 3.30, कर्नाटक में 3.14 तथा पश्चिम बंगाल में 3.02 करोड़ टीके लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि पिछले माह जुलाई में औसतन 43.41 लाख टीके प्रतिदिन लगाए गए जबकि जून में यह 39.89 लाख तथा मई में 19.69 लाख प्रतिदिन था. जुलाई में 13.45 करोड़ टीके लगाए गए जबकि जून में 11.96 करोड़ लगाए गए थे.
HIGHLIGHTS
- भारत में कोरोना की दूसरी लहर कायम
- 8 राज्यों के 18 जिलों के कोरोना आंकड़े बढ़ा रहे चिंता
- जुलाई महीने में हुए औसतन 43.41 लाख टीकाकरण